माघ शुक्ल पक्ष षष्ठी, कलियुग वर्ष ५११६
बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी का कहना है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की हत्या रूस में स्टालिन ने कराई थी और इसमें जवाहर लाल नेहरू का हाथ था । उन्होंने वादा किया कि अगली बार नेताजी की जयंती पर वह मेरठ आएंगे तो अपने साथ इससे जुड़े दस्तावेज और फाइलें लेकर आएंगे। स्वामी ने यह भी कहा है कि सुनंदा पुष्कर की हत्या की गई है और इस मामले में कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी से भी पूछताछ होनी चाहिए।
सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर एक कार्यक्रम में भाग लेने शुक्रवार को मेरठ आए स्वामी ने कहा, ‘द्वितीय विश्व युद्ध के बाद नेताजी को वॉर क्रिमिनल घोषित कर दिया गया तो उन्होंने एक फर्जी सूचना फ्लैश कराई गई कि प्लेन क्रैश में नेताजी की मौत हो गई। बाद में वह शरण लेने के लिए रूस पहुंचे, लेकिन वहां तानाशाह स्टालिन ने उन्हें कैद कर लिया। स्टालिन ने नेहरू को बताया कि नेताजी उनकी कैद में हैं क्या करें? इस पर उन्होंने ब्रिटिश प्रधानमंत्री को इसकी सूचना भेज दी और कहा कि आपका वॉर क्रिमिनल रूस में है। साथ ही उन्होंने स्टालिन को इस पर सहमति दे दी कि नेताजी की हत्या कर दी जाए।’
बीजेपी नेता ने कहा, ‘उस वर्ष १९४५ में ताइवान में कहीं भी कोई हवाई दुर्घटना न तो दर्ज है और न ही बोस का नाम मृतकों की सूची में शामिल है। जवाहरलाल नेहरू के तत्कालीन स्टनॉग्रफर श्यामलाल जैन मेरठ के ही थे। उन्होंने खोसला कमिशन के सामने अपने बयान में बताया था कि रूस के प्रधानमंत्री स्टालिन ने संदेश भेजा था कि ‘सुभाष चंद्र बोस हमारे पास हैं, उनके साथ क्या करना है?’ उन्होंने बताया था कि इस पत्र का जवाब प्रधानमंत्री नेहरू ने २६ अगस्त १९४५ को आसिफ अली के घर बुलाकर उनसे ही लिखवाया था। हालांकि कमिशन ने इस पर विश्वास न कर उनसे सबूत मांगा था।’
स्वामी ने कहा कि इसी अहसान में नेहरू हमेशा रूस से दबे रहे और कभी कोई विरोध नहीं किया। उनहोंने कहा कि नेताजी की मौत के रहस्य से पर्दा उठेगा और सच सामने आएगा कि देश के गद्दार कौन थे। बीजेपी नेता ने कहा कि इस बारे में उनकी केंद्र सरकार से बात हो रही है। वादा किया कि अगले साल जब वह नेताजी के जयंती समारोह में शामिल होने मेरठ आएंगे तो सारे दस्तावेज और संबंधित फाइलें उनके पास होंगी।
सुब्रमण्यन स्वामी ने पत्रकारों से बातचीत में सुनंदा पुष्कर की मौत को लेकर कई दावे किए। उन्होंने कहा, ‘आईपीएल माफिया, कॉल गर्ल्स, फॉरेन एक्सचेंज और फ्रॉड लोगों का संगठन है। सुनंदा इन लोगों के बारे में खुलासा करने जा रही थीं, इसीलिए जुबान बंद करने को उनकी हत्या की गई है।’
उन्होंने कहा कि सुनंदा अहमद पटेल के जरिए सोनिया गांधी से मिलने की कोशिश में थीं। पिछले साल १७ जनवरी को वह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करना चाहती थीं, जिसमें कुछ बड़ा खुलासा होना था। १६ जनवरी की रात उस होटेल में, जिसमें सुनंदा मृत मिली थी, आई संदिग्ध कार की भी बारीकी से जांच-पड़ताल होनी चाहिए क्योंकि शायद यह कार सोनिया के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल की है। इस बारे में सोनिया से भी पूछताछ होनी चाहिए।
स्त्रोत : नवभारत टाईम्स