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धर्मांतर तथा जिहाद जैसी ज्वलंत समस्याओंके विषयमें कर्नाटक अधिवेशनमें मान्यवरोंके विचार !

कार्तिक शुक्ल १० , कलियुग वर्ष ५११५

कर्नाटक राज्यस्तरीय हिंदू अधिवेशनका दूसरा दिन

हुबली – अधिवेशनके दूसरे दिन कुछ प्रमुख हिंदुत्ववादियोंकी उपस्थिति प्राप्त हुई । आज पू. भार्गवानंदस्वामी सम्मिलित हुए । समितिकी ओरसे उनका सम्मान किया गया । १० नवंबरको प्रथम सत्रमें जिहादकी समस्या तथा उसपर उपाययोजना के संदर्भमें प्रमुख वक्ताओंने मार्गदर्शन किया । लोकसभा चुनाव २०१४ में हिंदुओंकी नीति क्या होनी चाहिए, इस विषयमें अधिवेशनमें विविध हिंदुत्ववादियोंने गुटचर्चा की । गुटचर्चाका ब्यौरा १० नवंबरको समापनके दिन दिया जाएगा ।

जनसंख्या बढाकर विश्वको इस्लाममय करना ही मुसलमानोंका लक्ष्य ! – श्री. प्रमोद मुतालिक

मुसलमान अपनी अलग दुनिया बसानेके प्रयासमें हैं । यह लक्ष्य साध्य करने हेतु अपनी  जनसंख्या बढाना, उनका मुख्य उद्देश्य है ।

अभिभावक अपने बच्चोंको धर्मशिक्षा दें ! – श्री. मारुति भंडारी

मैं एक शिक्षक हूं । हर विद्यालयमें मुसलमान शिक्षककी नियुक्ति कर इस्लामके विषयमें हिंदू छात्रोंको जानकारी दी जाती है । यह रोकने हेतु अधिकारियोसे हमें सहायता प्राप्त होना आवश्यक है । तहसीलके हर कार्यालयमें यदि एक हिंदुत्ववादी हो, तो लव जिहादको रोका जा सकता है । वास्तवमें सारे अभिभावकोंको अपने बच्चोंमें धर्मशिक्षाका बीज बोना अत्यावश्यक है । बच्चोंको बाल्यावस्थामें ही लव जिहादके संदर्भमें जानकारी देनी चाहिए ।

अभिभावक बच्चोंके भ्रमणभाषपर ध्यान रखें ! – श्रीमती विदुला हलदीपुर, हिंदू जनजागृति समिति

अभिभावक अपने बच्चोंको भ्रमणभाष (मोबाईल) देते हैं; किंतु वे किसके साथ बात करते है, कहां-कहां लघुसंदेश भेजते हैं, इस ओर ध्यान नहीं देते । लडकियोंको अपरिचित व्यक्तियों द्वारा `मिस्ड कॉल’ आनेपर क्या करना चाहिए, इस विषयमें समझाया नहीं जाता ।

विद्यालय/महाविद्यालय तथा मंदिरोंमें इस विषयमें कुछ नहीं सिखाया जाता । इस विषयमें बच्चोंको अवगत कराना अत्यावश्यक है ।

साहित्यकार श्री. प्रमोदने कहा, ख्रिस्ती मिशनरी हिंदुओंको ऋण देकर धन उपलब्ध कराते हैं, तथा वह वापिस न करनेपर येशूका नामजप करो, ऋण उतर जाएगा, ऐसा बताते हैं ।

‘हिंदू ऐक्य वेदिका’ के (हिंदू ऐक्य मंचके ) उपाध्यक्ष श्री. रविश तंत्रीने, धर्मांतर केंद्रोंद्वारा हिंदुओंका बुद्धिभेद किया जाता है तथा उसपर कैसे उपाययोजना कर सकते हैं, इस विषयमें प्रबोधन किया ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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