अर्थहीन कारण बताकर राष्ट्रध्वज के अनादर के संदर्भ में पुलिस भी उदासीन !
नई मुंबई – यहां की नई मुंबई महानगरपालिका के मुख्यालय पर देश के २२२ फीट ऊंचा स्तंभ पर सबसे बडा राष्ट्रध्वज दिनरात लहराता है । ध्वजसंहिता में बताए गए नियम (मानके) दूर रखकर इस ध्वज पर क्लोज्ड सर्किट टीवी कैमेरा का काला डिब्बा भी लगाया गया है । राष्ट्रध्वज के ऊपर की ओर कुछ भी लगाना ध्वजसंहितानुसार अपराध है । इस संदर्भ में हिन्दू जनजागृति समिति के समन्वयक श्री. शिवाजी वटकर ने नई मुंबई के पुलिस आयुक्त, नई मुंबई के महानगरपालिका आयुक्त, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री तथा गृहमंत्री को पत्र भेजा था; किंतु पुलिस ने इस संदर्भ में अर्थहीन कारण बताकर राष्ट्रध्वज का अनादर चालू ही रखा है । (क्या ऐसे पुलिसकर्मियों के देश में कभी राष्ट्रध्वज का आदर किया जाएगा ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
इसका विरोध करने हेतु हिन्दू जनजागृति समिति अब केंद्रीय गृहमंत्रालय की ओर गई है ।
१. २१ फरवरी २०१४ को श्री. वटकर ने पत्र द्वारा इस अनादर के संदर्भ में संबंधित व्यक्तियों को जागृत किया था ।
२. इस संदर्भ में समिति ने विधान परिषद के तत्कालीन विधायक श्री. दिवाकर रावते को सूचित किया था । अतः उन्होंने विधान परिषद में भी इस संदर्भ का प्रश्न उपस्थित किया था ।
३. तत्पश्चात २९ दिसम्बर २०१४ को नई मुंबई एन. ए.आर्य. सागरी पुलिस ने थाने की ओर से श्री. वटकर को इस पत्र का उत्तर भेजा था; किंतु वह पत्र श्री. वटकर को २० जनवरी २०१५ को प्राप्त हुआ । (राष्ट्रध्वज के अनादर के संदर्भ में जागृत कर उसे रोकने के लिए लिखे गए पत्र के वलय में राष्ट्रध्वज पर होनेवाले सीसीटीवी कैमेरे को उत्तर देने में १० मास लगते हैं, इससे यह स्पष्ट होता है कि पुलिस राष्ट्रध्वज का अनादर रोकने के संदर्भ में कितनी गंभीर है । क्या ऐसी पुलिस स्वयं अपने मन से राष्ट्रध्वज का अनादर रोकेगी ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
४. उस में यह प्रस्तुत किया गया है कि नई मुंबई महानगरपालिका के महापौर सागर नाईक ने केंद्रीय मंत्रालय की ओर से इस राष्ट्रध्वज की अनुमति प्राप्त की है । अतः राष्ट्रध्वज के अनादर के संदर्भ में उनपर कार्रवाई करना असंभव है ।
५. इस के साथ पुलिस ने नाईक द्वारा प्राप्त अनुमति का पत्र भी भेजा है ।
६. इस पत्र में यह प्रस्तुत किया गया है कि राष्ट्रध्वज २४ घंटे लहराने की तथा वह फट गया अथवा उसकी हानि हुई, तो इस परिस्थिति में गृहमंत्रालय द्वारा उसे परिवर्तित करने की अनुमति प्राप्त है ।
७. अर्थात राष्ट्रध्वज पर क्लोज्ड सर्किट टीवी कैमरा लगाने के संदर्भ में किसी भी प्रकार का उल्लेख नहीं है । (इससे पुलिस की सोचसमझकर न करने की वृत्ति का ही दर्शन होता है ! इससे इस बात पर विचार न करें, तो ही अच्छा होगा कि ऐसे पुलिसकर्मी अपराधों की जांच कैसे करते होंगे ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
८. इसके विरोध में समिति द्वारा २४ जनवरी २०१५ को इस राज्य के गृहमंत्रालय, पुलिस आयुक्त तथा केंद्रीय गृह मंत्रालय को पुनः पत्र भेजा गया तथा यह कैमरा नीचे उतारकर राष्ट्रध्वज का अनादर रोकने की मांग की गई है ।
९. जनसामान्यों द्वारा यह अपेक्षा है कि इस वर्ष गणतंत्र दिवस के निमित्त राष्ट्रप्रेमी गठबंधन शासन राष्ट्रध्वज का यह अनादर रोके ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात