माघ शुक्ल पक्ष अष्टमी, कलियुग वर्ष ५११६
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सेंसर बोर्ड अध्यक्ष पहलाज निहलानी का कहना है कि टेलीविजन और इंटरनेट पर हद से ज्यादा अश्लीलता परोसी जाती है जिसे अब कंट्रोल करने की जरूरत है। उनका मानना है कि जिस पैमाने पर फिल्मों में न्यूडिटी को जज किया जाता है, ठीक उसी तरह टीवी और इंटरनेट पर भी इसे आंका जाना चाहिए। निहलानी ने कहा कि टीवी पर परोसी जा रही ‘अश्लीलता’ पर वो सूचना प्रसारण मंत्रालय से चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा, ‘फिल्मों की तुलना में टीवी शो को जज करने में दोहरी नीति अपनाई गई है, इसे सही किया जाना चाहिए।’
‘न्यूडिटी जज करने के लिए हो केवल एक पॉलिसी’
अंग्रेजी अखबार ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ को दिए एक इंटरव्यू में निहलानी ने कहा, ‘इंटरनेट और लाइव फैशन शो जैसे कुछ टीवी प्रोग्राम में न्यूडिटी नजर आती है।’ निहलानी ने इस बात पर जोर दिया कि न्यूडिटी पर केवल एक ही पॉलिसी होनी चाहिए।
‘टीवी पर अश्लीलता है, इसे कंट्रोल करना होगा’
सेंसरबोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि टीवी पर दिखाए जाने वाले लाइव प्रोग्राम के निर्माताओं से सेल्फ रेगुलेशन की उम्मीद की जाती है। निहलानी ने कहा कि ‘स्व नियंत्रण’ का पालन नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘टीवी पर अश्लीलता है, इसे कंट्रोल करना होगा।’
सेंसर बोर्ड के अधिकार क्षेत्र से बाहर है टीवी, इंटरनेट कंटेट
सेंसर बोर्ड अध्यक्ष के टीवी कंटेट पर इस बयान के बाद संभव है कि विवाद शुरू हो जाए। दरअसल, टीवी को केबल टेलीविजन नेटवर्क (रेगुलेशन)एक्ट के जरिए नियंत्रित किया जाता है। ब्रॉडकास्ट कंटेंट कंप्लेंट्स काउंसिल (बीसीसीसी) और न्यूज ब्रॉडकास्टर्स स्टैंडर्ड्स ऑथरिटी (एनबीएसए) संस्था टीवी शो को रिव्यू करती हैं। इस दोनों संस्थाओं के सदस्य टीवी और न्यूज इंडस्ट्री से होते हैं। किसी दर्शक की शिकायत पर टीवी शो पर कार्रवाई की जाती है।
स्त्रोत : आज तक