कार्तिक शुक्ल ११ , कलियुग वर्ष ५११५
मुंबईमें पत्रकार परिषद
पत्रकार परिषदमें जानकारी देते हुए हिंदू जनजागृति समितिके प्रवक्ता वैद्य उदय धुरी, सनातनके प्रवक्ता श्री. आनंद जाखोटिया एवं समितिके मुंबई समन्वयक श्री. शिवाजी वटकर |
मुंबई : आद्यशंकराचार्यद्वारा स्थापित भारतके चार पीठोंमें गोवर्धनमठ, पुरी (उडीसा) आद्यपीठ है । इस पीठके विद्यमान शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती २० नवंबरसे प्रथम बार ही महाराष्ट्र एवं गोवा राज्योंका भ्रमण करने आरहे हैं । इस निमित्त उनके ‘राष्ट्र एवं धर्म’ इस विषयके संदर्भमें स्पष्ट विचार एवं ज्ञानपूर्ण वाणीका लाभ सबको मिलने हेतु हिंदू जनजागृति समितिद्वारा वीरगति प्राप्त बाबू गेनू सैद मैदान, सेक्टर ८, गणेश मंदिरके पास, सानपाडा, नई मुंबईमें २० नवंबर २०१३ को सायं ६ से रात्रि ८.३० की कालावधिमें विशाल धर्मसभा एवं पादुका दर्शन समारोह आयोजित किया गया है । ऐसा ही कार्यक्रम पुणे एवं गोवामें भी नियोजित है । हिंदू जनजागृति समितिद्वारा आयोजित पत्रकार परिषदमें शंकराचार्यके इस कार्यक्रमके लिए यथाशक्ति योगदान देनेकी इच्छा रखनेवाले लोग ९३२२५३३५९५ क्रमांकपर संपर्क करें, ऐसा आवाहन किया गया है । इस पत्रकार परिषदमें हिंदू जनजागृति समितिके प्रवक्ता वैद्य उदय धुरी, समितिके मुंबई समन्वयक श्री. शिवाजी वटकर एवं सनातनके प्रवक्ता श्री. आनंद जाखोटिया उपस्थित थे ।
सामाजिक एवं धार्मिक जनजागृतिकी आवश्यकता : वैद्य उदय धुरी
आज समाजकी स्थिति अत्यंत कठिन है । इस स्थितिमें समाजको सामाजिक एवं धार्मिक जनजागृतिकी आवश्यकता है । हिंदुस्थानमें धार्मिक स्वेच्छाचारका वातावरण है । ऐसी स्थितिमें आद्य शंकराचार्यने अवतार लेकर बडा धर्मकार्य किया है, जिसके कारण सनातन धर्मकी जय हुई । २० नवंबरको होनेवाली धर्मसभामें हिंदूनिष्ठ संगठनोंको सम्मिलित होना चाहिए ।
संत ही धर्मकी आधारशिला ! : आनंद जाखोटिया
संतोंके मार्गदर्शन तथा आशीर्वादके कारण धर्म टिका हुआ है । आज हिंदू समाजको शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती महाराजके मार्गदर्शनकी अत्यंत आवश्यकता है, जिससे बडा उद्देश्य सफल होगा ।
संकटसे घिरे राष्ट्र, धर्म एवं संस्कृतिकी रक्षा अब संत ही करेंगे ! : शिवाजी वटकर
आज राष्ट्र, धर्म एवं संस्कृति संकटमें है । ऐसी स्थितिमें हिंदू जनजागृति समितिद्वारा आयोजित शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती महाराजकी धर्मसभाका अत्यधिक महत्त्व है । केवल संत ही संकटमें रक्षा करेंगे ! अर्जुन संकटमें था, उस समय श्रीकृष्णने गीता कही एवं उसका उद्धार किया । आज भ्रष्टाचार, आतंकवाद तथा महंगाईके कारण राष्ट्र संकटमें है । इसलिए कालके अनुसार शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती महाराजका मार्गदर्शन आवश्यक है । राष्ट्र, धर्म एवं संस्कृति रक्षाकी रक्षाके इस यज्ञमें प्रत्येक व्यक्ति समर्पित हो ! प्रसिद्धिमाध्यम भी अपना सहयोग दें !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात