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`विवाह भाग्य योजना’ तथा ‘अंधश्रद्धा निर्मूलन अधिनियम’ स्वीकारार्य नहीं है !

कार्तिक शुक्ल ११ , कलियुग वर्ष ५११५

कांग्रेसके भूतपूर्व केंद्रीय मंत्री जनार्दन पुजारी द्वारा मुख्यमंत्री सिद्धरामय्याका विरोध !

सनातन संस्था तथा हिंदू जनजागृति समितिद्वारा ८ वर्ष पूर्वसे कहा जा रहा सत्य बतानेवाले कांग्रेसके वरिष्ठ नेता जनार्दन पुजारी !

क्या अब अंनिस तथा कांग्रेसवाले इसपर कुछ कहेंगे ?

अंधश्रद्धाओंपर नियंत्रण रखने हेतु प्रचलित अधिनियम ही सक्षम, अलग अधिनियमकी आवश्यकता नही !

मंगलुरू – कर्नाटकके मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या द्वारा प्रस्तावित ‘विवाह भाग्य योजना’ तथा ‘अंधश्रद्धा निर्मूलन अधिनियम’ स्वीकारार्य नहीं है, ऐसा प्रतिपादन कांग्रेसके जेष्ठ वरिष्ठ नेता एवं भूतपूर्व केंद्रीय मंत्री जनार्दन पुजारीने किया है । वे यहां एक वार्ताकार परिषदमें बोल रहे थे । ‘विवाह भाग्य योजना’ केवल एक ही धर्मियों हेतु कान्वत करनेकी अपेक्षा सारे धर्मियोंकी आर्थिक स्थिति ध्यानमें रखकर सभी हेतु कार्यन्वित करें । इस विषयमें मैंने मुख्यमंत्रीको पत्र दिया है, ऐसा भी उन्होंने कहा ।

पुजारीजीने कहा, अंधश्रद्धा निर्मूलन अधिनियम पारित होनेपर केवल हिंदुओंकी ही नहीं, तो अपितु मुसलमान एवं ईसाईयोंकी धार्मिक भावनाओंपर भी आघात होगा । (हिंदुओ, केवल हिंदुओंकी धार्मिक भावनाओंपर आघात होता, तो पुजारी इस अधिनियमको स्वीकृति देते, यह बात ध्यानमें रखें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) अंधश्रद्धाओंपर नियंत्रण रखने हेतु प्रचलित अधिनियम ही सक्षम है । उस हेतु अलग अधिनियमकी आवश्यकता नहीं ।

शीतकालीन अधिवेशनमें अंधश्रद्धा निर्मूलन विधेयक प्रस्तुत नहीं करेंगे ! – सिद्धरामय्या

अंधश्रद्धा निर्मूलन विधेयक विधानसभाके आनेवाले शीतकालीन अधिवेशनमें चर्र्चा हेतु प्रस्तुत नहीं किया जाएगा, ऐसा वक्तव्य कर्नाटकके मुख्यमंत्री सिद्धरामय्याने ऐसा वक्तव्य द्वारा किया गया है । अभी भी यह अधिनियम चिंतन हेतु विविध विभागोंमें चिंतन हेतु प्रलंबित है, ऐसा भी उन्होंने ऐसा भी कहा । (चिंतन हेतु प्रलंबित है अथवा कांग्रेस पक्षसे ही हो रहा विरोध, यह कारण है ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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