कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा, कलियुग वर्ष ५११५
पनजी – आद्य शंकराचार्यद्वारा स्थापित भारतके चार पीठोंमें पुरी तथा उडीसाका गोवर्धनपीठ आद्यपीठ है । इस पीठके वर्तमान शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती २० नवंबरसे पूर्व ही महाराष्ट्र एवं गोवा राज्योंकी भ्रमण भेंटके लिए आ रहे हैं । इस निमित्त उनके राष्ट्र एवं धर्मके विषयमें स्पष्ट विचारों एवं ज्ञानपूर्ण वाणीका सबको लाभ होने हेतु हिंदू जनजागृति समितिद्वारा मडकई पंचाइत मैदान, मडकई, फोंडामें २४ नवंबर २०१३ को संध्या समय ५ से ७.३० की कालावधिमें विशाल धर्मसभा एवं पादुका दर्शन समारोहका आयोजन किया गया है । पनजीमें आयोजित पत्रकार परिषदमें इस विषयमें जानकारी दी गई । इस अवसरपर समितिके गोवा राज्य समन्वयक डॉ. सोलंकी तथा सनातनके श्री. बोरकर आदि उपस्थित थे ।
परिचय
जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती महाराजने काशी, नैमिषारण्य, हरिद्वार, पुरी, शृंगेरी आदि धर्मस्थलोंपर रुककर वेदज्ञान संपादन किया । ९ फरवरीr १९९२ को वे पुरी पीठके १४५ वें शंकराचार्य बने । जागतिक स्तरके वैज्ञानिकोंके लिए विविध क्षेत्रोंमें नए आविष्कारोंका मानदंड प्रस्थापित करनेवाले अंक पदियम, स्वस्तिक गणित एवं गणित दर्शन ये ग्रंथ उन्होंने ही संकलित किए हैं । वे वैदिक सिद्धांतमें स्थित भोजन विज्ञान, वस्त्र विज्ञान, आवास विज्ञान, सुरक्षा विज्ञान, न्याय विज्ञान, स्वास्थ्य विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान, विवाह विज्ञान, व्यावहारिक विज्ञान जैसी अनेक बातोंके पीछेका वैज्ञानिक दृष्टिकोण सरल भाषामें समझाकर बताते हैं । वर्ष २००० में संयुक्त राष्ट्र संघद्वारा न्यूयार्कमें आयोजित विश्वशांति शिखर सम्मेलन एवं वर्ल्ड बैंकद्वारा वाशिंग्टनमें आयोजित वर्ल्ड फेथ्स् डेवलपमेंट डायलॉगके लिए जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती महाराजका मार्गदर्शन मंगवाया गया था । ज्ञानदानके साथ संत सम्मेलन, साधना शिविर, वेदपाठशाला, संस्कृतशाला, ग्रंथ प्रकाशन, गोपालन आदिद्वारा धर्मकार्य एवं अन्नदान, रुग्णसेवा आदिद्वारा समाजकल्याणका कार्य कर रहे हैं ।
मुंबई : दिनांक : २० नवंबर
समय : संध्या समय ६ से ८.३०
स्थल : वीरगति प्राप्त बाबू गेनू सैद मैदान, सेक्टर ८, गणेश मंदिरके पास, सानपाडा, नई मुंबई ।
पुणे : दिनांक : २७ नवंबर
समय : संध्या समयः ५.४५
स्थल : तुलसीबागवाले कालोनी, सहकारनगर भाग २, पुणे
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात