विजयवाडा (आंध्रप्रदेश) – यहां की एक इमारत के अवैध रूप से बने दूसरे और तिसरे तल पर एक चर्च खडा है । एक महीने पहले ही स्थानीय न्यायालय तथा महानगरपालिका ने इन्हे गिराने के आदेश दिये थे । फिर भी अभी तक इस चर्च को गिराया नहीं गया है । इससे अधिक चौंकानेवाली बात ये है कि विजयवाडा के स्थानीय विधायक श्री. गद्दे राममोहन राव, विधायक, तेलुगु देसम पार्टी, विजयवाडा ने इस चर्च को संरक्षण देने की घोषणा की है । गद्दे राममोहन राव की तेलगु देसम पार्टी आंध्र में सत्ता में है ।
कुछ वर्ष पहले इस इमारत के ईसाई मालिक; जी. अब्राहम सुधाकर ने के. विजय कुमार और एस. मधुसूदन राव नामक हिंदुआें को धोखे में रख कर इमारत के भू-तल और पहले तल को बेच दिया । इमारत का दूसरा और तीसरा तल अवैध होने का पता चलते ही हिंदुआें ने इमारत के ईसाई मालिक से इसका विरोध किया । साथ ही हिदुआें ने महानगरपालिका में शिकायत भी दर्ज की, और स्थानीय न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया ।
न्यायालय ने आदेश दिए की यदि महानगरपालिका को दूसरे और तीसरे तल के अवैध होने की पुष्टि होती है तो दोनों तल को गिराए जाऐंगे ।महानगरपालिका के अधिकारियों ने अभ्यास किया और उन्हें ज्ञात हुआ कि दोनों तल अवैध हैं ।
महानगरपालिका आयुक्त के हस्ताक्षर में जारी किए हुए आदेश
इस पर २३ दिसंबर २०१४ को जारी आदेशानुसार १९५५ की हैद्राबाद धारा ४५२ नियमानुसार महानगरपालिका ने दोनों तल को हटाने के आदेश दिए । धारा ६३६ अधिनियमानुसार अवैध निर्माण-कार्य तल को हटाने का अंतिम लिखित आदेश भी जारी किया ।
अधिकारियोंने अतिक्रमण की हुई जगह को रेखांकित किया है । परंतु एक महिना होने के पश्चात भी चर्चकी एक ईंट को भी धक्का नहीं लगा है ।
ऐसा कहा जा रहा है कि इस चर्चके पादरी को सभी स्थानीय चर्चों का समर्थन प्राप्त है । सभी पादरीयों सहित असोसिएशन ऑफ इंटीग्रेटेड क्रिश्चन काउन्सिलके राष्ट्रीय मार्गदर्शक गीरा होनाक ने विधायक राममोहन राव से भेंट की । तब राममोहन रावने चर्च को संरक्षण देने की घोषणा की ।
हिन्दु वार्ता के पत्रकारोंने जब भू-तल और पहले तल पर रह रहे पीडित हिन्दुुआें से मिले, तब उनकी दु:खभरी व्यथा उजागर हुई । जिस में उन्होंने कहा की, चर्च में प्रतिदिन सौ-डेढ सौ लोग आते हैं । बहुत शोर मचाते हैं तथा हिंदु देवी-देवताआेंको अपमानित करते हैं ।
बाप्तिस्माद्वारा हिंदुआें का धर्म-परिवर्तन करने के लिए तीसरे तल पर पानीकी टंकी भी लगाई गई है । प्रार्थना और समारोह के लिए हॉल भी बनाए गए हैं ।
हिन्दू पीडितों ने देशभर के हिन्दुुआें से विनती की है – हमें सर्मथन दें, न्याय देें, सहायता करें ! हम जब तक जीवित हैं, तब तक हमें हिन्दू बनकर ही रहना है ।
उन्होंने आगे कहा कि, हमने जब इन सभी बातोंका विरोध किया तो इमारत के ईसाई मालिकने हमें जानसे मार डालनेकी धमकी तक दी। (हिंदुआें पर हो रहे अन्याय और अत्याचारों का यह तो एक प्रातिनिधिक उदाहरण है । ईसाईयों द्वारा हिंदुआेंका हो रहा धर्मपरिवर्तन, गोहत्या, जिहादी आतंकवाद, लव-जिहाद, मंदिरों को तोडना, हिंदु नेताआें की हत्याएं जैसे अनेक आघातों को देश का हिंदु आज झेल रहा है । अब भी समय है कि समस्त हिंदु ; जाति, संप्रदाय, पक्ष जैसे बंधन दूर कर एक हो जाएं । अन्यथा अगले कुछ वर्षोंमें भारतमें हिंदु अल्पसंख्यक हो जाऐंगे । – सम्पादक)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात