फाल्गुन कृष्ण पक्ष द्वितीया, कलियुग वर्ष ५११६
ऐसे धर्माभिमानी सर्वत्र होने चाहिए !
• छत्रपति शिवाजी महाराज का अनादर रोकने हेतु त्वरित पाबंदी लगानेवाले मंत्री विनोद तावडे का अभिनंदन !
• हिन्दुओंकी यह अपेक्षा है कि राज्यशासन को ‘पीके’ समान हिन्दूविरोधी चित्रपटों के संदर्भ में इसी प्रकार की इच्छाशक्ति दिखानी चाहिए !
मुंबई : ‘राजे…एक क्रांति’ ३० जनवरी को प्रदर्शित इस मराठी चित्रपट में छत्रपति शिवाजी महाराज, राजमाता जिजाऊसाहेब का अनादर किया गया है, श्रीमंत छत्रपति उदयनराजे भोसले प्रतिष्ठान के किरणराजे महाडिकद्वारा ऐसा आरोप लगाया गया । अतः इस संदर्भ में सांस्कृतिक मंत्री विनोद तावडे ने त्वरित ध्यान देकर इस चित्रपट पर पाबंदी लगाई है ।
१. महाडिक के मतानुसार शिवाजी महाराज के जीवन पर आधारित इस चित्रपट में उनके विचार प्रकाशित करने की अपेक्षा उनका तथा राजमाता जिजाऊ का अनादर किया गया है । (छत्रपति शिवाजी महाराज के अनादर के विरोध में वैध मार्ग से विरोध करनेवाले किरणराजे महाडिक का अभिनंदन ! ऐसे धर्माभिमानी सर्वत्र होने चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
२. प्रत्यक्ष में भी इस चित्रपट में छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम प्राप्त एक कार्यकर्ता द्वारा महिला पर अतिप्रसंग करते हुए प्रदर्शित किया गया है, साथ ही यह अंकित करने का प्रयास किया है कि छत्रपति शिवाजी महाराज सर्वधर्मसमभावी वृत्ति के थे । हिन्दू-मुसलमान हिंसा का चित्रण प्रकाशित किया गया है । उसमें भी हिन्दुओंको मुसलमानोंपर आक्रमण करते हुए प्रदर्शित किया है ।
३. भाजप के प्रदेश प्रवक्ता माधव भांडारी द्वारा यह सूचना प्राप्त हुई है कि इस चित्रपट को केंद्रीय चित्रपट परिनिरीक्षण मंडल की ओर से अनुमति कैसे प्राप्त हुई, ऐसा प्रश्न करते हुए किरणराजे महाडिक ने चित्रपट का प्रदर्शन त्वरित रोकने तथा दिग्दर्शक-निर्माता पर कार्रवाई करने की मांग की है । उनकी मांग की ओर ध्यान देकर राज्य के सांस्कृतिक कार्यमंत्री द्वारा चित्रपट के प्रदर्शन के संदर्भ में सूचना प्राप्त हुई है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात