फाल्गुन कृष्ण पक्ष द्वितीया, कलियुग वर्ष ५११६
• देवताओं का अनादर रोकने हेतु त्वरित कृत्य करनेवाले धर्माभिमानियों का अभिनंदन !
• बलशाली हिन्दूनिष्ठ संगठनं क्या हिन्दू जनजागृति समिति का आदर्श अपनाएंगे ?
अंधेरी-मुंबई : यहां के एस.पी. जैन महाविद्यालय तथा ‘ओजस फेस्ट’ द्वारा आयोजित विज्ञापन बनाने की स्पर्धा में महाभारत के महापुरुष एवं देवताओंका अनादर किया गया था। इस के विरोध में हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. सीमित सरमळकर ने अंधेरी के पुलिस थाने में परिवाद प्रविष्ट किया, साथ ही आंबोली पुलिस थाने में ‘साइबर क्राइम’ विभाग में भी परिवाद प्रविष्ट किया। तत्पश्चात फेसबुक पर प्रसारित किए गए छायाचित्र त्वरित निकाले गए। (ऐसे सतर्क धर्माभिमानी सर्वत्र होने चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
१. इस स्पर्धा की पहली फेरी ८ से १० जनवरी के दिन ऑनलाईन पर, तो दूसरी फेरी २४ से २६ जनवरी के दिन एस.पी. जैन महाविद्यालयमें संपन्न हुई।
२. पहली फेरी में ‘वॉन हुसेन,’ इस कपडे निर्मिति करनेवाले आस्थापन का विज्ञापन बनाने के लिए महाभारत की संकल्पना (थीम) दी गई थी। स्पर्धकोंने महाभारत के पांडव, द्रौपदी, पितामह भीष्म, कर्ण के, साथ ही इंद्रदेवता तथा भगवान श्रीकृष्ण के अत्यंत हीन स्वरूप के छायाचित्रं मुद्रित कर हिन्दुओंकी धार्मिक भावना आहत की थी। (हिन्दू असंगठित होने के कारण ही इस प्रकार निरंतर उनके देवताओंका अनादर किया जाता है ! (इस स्थिति में परिवर्तन लाने हेतु हिन्दुओंको धर्मशिक्षण देने की अत्यंत आवश्यकता है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) श्री. सरमळकर द्वारा प्रविष्ट किए गए परिवाद के पश्चात ये छायाचित्र निकाले गए ।
३. स्पर्धा की दूसरी फेरी का स्वरूप ‘वीडियो’, ‘पॉवर प्वाइंट’ और ‘ऑडियो’ विज्ञापन बनाने का था। उसमें भी देवताओंका अनादर होने की संभावना ध्यान में रखते हुए समिति की ओर से पुलिस में परिवाद प्रविष्ट किया गया। उस समय यह मांग भी की गई कि ‘स्पर्धा निरस्त कर संबंधित व्यक्तियोंपर धार्मिक भावना आहत करने के संदर्भ में कार्रवाई की जाए।
४. पुलिस ने घटनास्थल पर उपस्थित रह कर जांच की तथा इस संदर्भ में संबंधित व्यक्तियोंको समझाया । (इसी प्रकार यदि अहिन्दुओंके श्रद्धास्थानोंका अनादर किया जाता, तो क्या पुलिस केवल समझाकर चुप बैठती ? हिन्दुओंके श्रद्धास्थानोंके प्रति उदासीन रहनेवाले पुलिसकर्मियोंके कारण ही निरंतर हिन्दू धर्म का अनादर करने का दुस्साहस किया जाता है ! इस स्थिति में परिवर्तन करने हेतु हिन्दू राष्ट्र अनिवार्य है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
५. दूसरे दिन हिन्दूनिष्ठ संगठनोंके कार्यकर्ताओंके वहां प्रत्यक्ष उपस्थित रहने पर उन्हें इस बात की सूचना प्राप्त हुई कि स्पर्धा का अंतिम दिन निरस्त कर दिया गया है। उस समय वहां श्री. सीमित सरमळकर तथा श्रीमती लता भट के साथ धर्माभिमानी श्री. अनिल मोरे पूरे दिन उपस्थित रहे, साथ ही समर्थ जनाधार प्रतिष्ठान के अध्यक्ष सर्वश्री दिनेश पोळेकर, उपाध्यक्ष सचिन शिंदे, नितीन सुतार, सुरेंद्र पवार, मुर्गेश देवेंद्र, शिवसेना के शाखाप्रमुख यल्लपा कुशाळकर का भी बहुमूल्य सहयोग प्राप्त हुआ। (धर्मरक्षा हेतु सक्रिय धर्माभिमानियोंका अभिनंदन ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात