फाल्गुन कृष्णपक्ष द्वितीया, कलियुग वर्ष ५११६
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा और जैश-ए-मोहम्मद ५ फरवरी को कश्मीर एकजुटता दिवस (‘कश्मीर सॉलिडैरिटी डे’) पर देश भर में रैली करने जा रहे हैं। खास बात यह है कि ये दोनों प्रतिबंधित संगठन सामाजिक संगठनों के रूप में अपनी गतिविधियां जारी रखे हुए हैं। जमात-उद-दावा को आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मातृ संगठन माना जाता है, जबकि जैश-ए-मोहम्मद साफ तौर पर आतंकी संगठन है। पाकिस्तान में १९९१ से हर साल ५ फरवरी को ‘कश्मीर सॉलिडैरिटी डे’ मनाया जाता है। जेयूडी और जैश की इन रैलियों के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव फिर गहराने की आशंका व्यक्त की जा रही है।
माना जा रहा है कि जेयूडी चीफ हाफिज सईद भी इन रैलियों में शामिल होकर भारत के खिलाफ जहर उगल सकता है। जैश का मुखिया मौलाना मसूद अजहर है, जो आजकल सार्वजनिक तौर पर कम ही नजर आता है। जैश को साल २००१ में भारतीय संसद पर हुए हमले का जिम्मेदार माना जाता है। इस पर साल २००२ में पाकिस्तान ने प्रतिबंध लगा दिया था। जैश के एक सीनियर कमांडर का कहना है कि जैश और जेयूडी मिलकर ‘कश्मीर सॉलिडैरिटी डे’ पर रैलियों का आयोजन करेंगे।
सईद के पाक से बाहर जाने पर रोक
भारत हाफिज सईद को मुंबई हमलों का गुनहगार बताता है। गौरतलब है कि इस हमले में १६१ लोगों की मौत हुई थी, जिनमें छह अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे। भारत में पाकिस्तान के राजदूत अब्दुल बासित ने हाफिज सईद के बारे में कहा कि उस पर लगाए गए प्रतिबंध सीमित हैं और जेयूडी के बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिए गए हैं। बासित ने कहा कि सईद के पाकिस्तान से बाहर जाने पर रोक लगाई जा चुकी है। अमेरिका ने न सिर्फ जेयूडी के बैंक खातों पर रोक लगाई है, बल्कि उसके टि्वटर अकाउंट को भी हटा दिया है, जिससे भारत और अमेरिका विरोधी ट्वीट किए जाते रहे हैं। हालांकि, इसके बावजूद जेयूडी एक नए टि्वटर हैंडल के साथ सक्रिय है।
पाक सरकार बेबस
जेयूडी के प्रभाव के आगे पाकिस्तान की नवाज शरीफ सरकार बेबस नजर आती है। कहने को तो भारत और अमेरिका के दबाव के बाद जेयूडी को बैन कर दिया गया है, लेकिन २५ जनवरी को जेयूडी ने लाहौर में एक बड़ी रैली की थी, जिसमें ‘चार्ली हेब्दो’ में प्रकाशित पैगंबर मोहम्मद साहब के कार्टून्स का विरोध किया गया था।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर