फाल्गुन कृष्णपक्ष तृतीया, कलियुग वर्ष ५११६
उत्तराखंड के हल्द्वानी के एमबी इंटर कॉलेज में विराट हिंदू सम्मेलन में विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष डॉ. प्रवीण भाई तोगड़िया ने कहा कि इस्लामिक राष्ट्रों की तर्ज पर हिंदुस्तान में भी हिंदू राष्ट्र के अनुरूप संविधान बनाया जाए।
उन्होंने हिंदुओं के दमन के लिए उन्होंने देश की सरकारों को दोषी ठहराया और देश में समान नागरिक आचार संहिता की बात कही। डॉ. प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि यह समय विश्व हिंदू परिषद की ५०वीं जयंती का उत्सव मनाने का नहीं बल्कि हिंदुओं, गोवंश की रक्षा और धर्मांतरण रोकने का है।
हिंदुओं को इसका संकल्प लेना होगा। अयोध्या में कोई चाहे या न चाहे भव्य राम मंदिर का निर्माण होकर रहेगा। डॉ. तोगड़िया बुधवार को कहा कि कश्मीर की मस्जिदों से ऐलान हुआ था कि हिंदू पंडित अपनी बहन-बेटियों को हमारे लिए छोड़कर चले जाएं।
सौ करोड़ पर सिमट गए हैं हिंदू
जेहादियों के अत्याचार से चार लाख कश्मीरी पंडित आज अपने ही देश में शरणार्थी बन गए हैं। जेहादियों की छाती पर पांव रखकर शरणार्थियों को वापस उनके घरों में बसाया जाएगा। उन्होंने कहा कि दो हजार वर्ष पहले विश्व में ७०० करोड़ हिंदू ही थे।
मुस्लिम और ईसाईयों का कोई अस्तित्व नहीं था। आज हिंदू सौ करोड़ पर सिमट गया है। शिक्षा, समृद्धि, साइंस-टेक्नोलाजी, व्यापार और सुरक्षा में देश सबसे आगे था। विश्व के व्यापार में भारत की ३५ प्रतिशत भागीदारी थी, आज एक प्रतिशत पर सिमट गई है।
मुगलों और अंग्रेजों ने देश की संपदा को जमकर लूटा। विहिप देश को सम्मान वापस दिलाकर रहेगी। डॉ. तोगड़िया ने कहा कि देश में पांच करोड़ हिंदू युवा बेरोजगार हैं। ४० करोड़ हिंदू युवाओं की आमदनी एक हजार रुपए मासिक है।
केरल, बंगाल, असम, मेरठ, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद में हिंदू परिवार सुरक्षित नहीं हैं। मंदिरों से लाउडस्पीकर उतारे जा रहे हैं और मस्जिदों से अजान बंद नहीं कराई जा रही है। दीपावली पर पटाखे फोड़ने पर प्रदूषण की आड़ में रोक लगाई जा रही है, जबकि मोहर्रम के ताजिए की आवाज बंद कराने की हिम्मत कोई नहीं जुटा रहा है।
हमें आवाज बुलंद करने का भी अधिकार नहीं !
मंदिरों में पशुबलि पर रोक लगाई जा रही है, जबकि बकरीद पर बकरे काटने पर सब चुप हैं। बंगलूरू में उनके प्रवेश पर रोक लगा दी है। जिहादियों और आतंकियों को जीने का अधिकार है और हमें अपनी आवाज बुलंद करने का भी अधिकार नहीं है। देश में हिंदू बिंदु बन रहा है, मगर ध्यान नहीं दिया गया तो बिंदु भी समाप्त हो जाएगा।
कन्याकुमारी में २००१ में ९३ प्रतिशत हिंदू थे अब ४८ फीसदी रह गए हैं। आजादी के समय देश में ८६ प्रतिशत हिंदू थे, २००१ की जनगणना में ८२ प्रतिशत हुए और अब ७९ प्रतिशत बचे हैं। देश की सरकारें ही हिंदुओं के पतन का सबसे बड़ा कारण हैं।
उन्होंने कहा कि हिंदुओं को संपत्ति, व्यापार, खेतों, बहन, बेटियों और मातृभूमि की सुरक्षा का अधिकार चाहिए। अब हिंदू घटेगा नहीं, बल्कि बढ़ेगा। धर्मांतरण को न करने के साथ ही घर वापसी को हां किया जाएगा।
श्रीश्री १००८ महामंडलेश्वर कैलाशानंद ने कहा कि विहिप ने हिंदू धर्म को पहचानने और पहचान दिलाने का काम किया है। धर्म को समझे बिना कर्तव्य का ज्ञान नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि हिंदुओं को धर्म, भव्यता, कर्तव्य और मानवता से समझौता नहीं करना चाहिए। इससे पहले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह प्रांत प्रचार युद्धवीर, वरिष्ठ समाजसेवी कैलाश गहतोड़ी, कार्यक्रम संयोजक रंदीप पोखरिया आदि ने संबोधित किया।
स्त्रोत : अमर उजाला