फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्थी, कलियुग वर्ष ५११६
जेनेवा: खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के बारे में संयुक्त राष्ट्र संघ(यूएन) ने चौंकाने वाली जानकारी दी है। यूएन के अनुसार इ स्लामिक स्टेट के आतंकी इराक से बंधक बनाए गए बच्चों को सेक्स स्लेव के रूप में बाजारों में बेच रहे हैं। वहीं अन्य युवाओं को सूली पर लटकाकर और जिंदा तक दफन कर उनकी हत्या कर रहे हैं।
आईएस तेजी से १८ साल तक के बच्चों का फिदायीन हमलावर, बम बनाने और यूएस हमलों के बचाने के लिए ढाल के रूप में उपयोग कर रहा है। इनमें से ज्यादातर बच्चे अल्पसंख्यक समुदायों जैसे यजीदी और ईसाई से है और इनकी क्रूरता से हत्याएं की जा रही है। इसके साथ ही शिया और सुन्नी बच्चों को भी निशाना बनाया जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार मानसिक रूप से कमजोर बच्चों को विशेष रूप से आत्मघाती हमलों के लिए तैयार किया जा रहा है और इस बारे में उनको बताया भी नहीं जा रहा है। साथ ही आठ साल से कम उम्र के ब च्चों को चाइल्ड सोल्जर्स के रूप में तैनात किया जा रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार आईएस ने बच्चों का नरसंहार किया है और इसके लिए उसने सूली पर चढ़ाने, जिंदा दफन करने और सिर काटने जैसे कू्रर तरीके शामिल है। साथ ही अल्पसंख्यक समुदायों के बच्चों को बाजारों में प्राइस टैग के साथ खड़ा कर दिया जाता है और उन्हें सेक्स स्लेव के रूप में बेचा जाता है।
वहीं दुनियाभर के धार्मिक नेताओं ने भी आईएस की गतिविधियों की निंदा की है। मुस्लिम धर्मगुरूओं ने जॉर्डन के पायलट को जिंदा जलाने की घटना पर आईएस की कड़ी निंदा की है। उनका कहना है कि इस तरह से हत्या करना निंदनीय है फिर चाहे जो कारण हो। यह शैतानी कृत्य है। गौरतलब है कि आईएस ने जॉर्डन के बंधक बनाए गए पायलट को जिंदा जला दिया था और फिर इसका वीडियो भी जारी किया गया था।
स्त्रोत: पत्रिका