मार्गशीर्ष कृष्ण ४ , कलियुग वर्ष ५११५
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नइ दिल्ली : भारत सरकार ने चीन से लगने वाली सीमा पर सैनिकों की संख्या बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। अब पचास हजार और सैनिक सीमा पर तैनात होंगे जिन पर ६५ हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे।
ये सैनिक पश्चिम बंगाल में भारत चीन सीमा पर तैनात किए जाएंगे। पिछले एक साल में कई बार भारतीय क्षेत्र में चीनी घुसपैठ की खबरें आती रही हैं। चीन ने भी सीमा पर अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ाई है।
दोनों देशों के बीच हजारों किलोमीटर वाली सीमा को लेकर विवाद है। इस मुद्दे पर दोनों पक्षों की कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन उसमें प्रगति की रफ्तार खासी धीमी रही है।
कार्रवाई में सक्षम
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार १७ वीं कोर शुरू में झारखंड की राजधानी रांची मे रहेगी और बुनियादी संरचना तैयार होने के बाद उसे पश्चिम बंगाल के पानागढ़ भेज दिया जाएगा। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात होने वाली ये पहली कोर होगी जो युद्ध की स्थिति में चीन के स्वायत्त तिब्बत क्षेत्र में कार्रवाई करने में सक्षम होगी।
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में १७ जुलाई को हुई कैबिनेट की सुरक्षा समिति की बैठक में इस नई कोर के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। भारत के इस कदम को अहम माना जा रहा है क्योंकि चीन भी अपने स्वायत्त तिब्बत क्षेत्र में अपनी सैन्य क्षमताओं को मज़बूत कर रहा है। रिपोर्टों के अनुसार चीन ने वहां कम से कम पांच पूरी तरह संचालित हवाई ठिकाने तैयार किए। इसके अलावा व्यापक रेल नेटवर्क और ५,८०० किमी लंबी सड़कें भी बनाई हैं।
स्त्रोत : अमर उजाला