फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्थी, कलियुग वर्ष ५११६
चरमपंथी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएस) उत्तरी अमरीका और अरब प्रायद्वीप में लड़ाकों से संपर्क बढ़ा रहा है और समूह के प्रति निष्ठा जताने वालों को क्षेत्रीय स्तर पर शाखा खोलने की इजाज़त दे रहा है। इसकी सबसे ताज़ा शाखा की घोषणा २६ जनवरी को अफ़ग़ानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र में की गई। आईएस के गढ़ सीरिया और इराक़ से बाहर नई शाखाओं की घोषणा नवंबर में इसके नेता अबू-बक्र अल-बग़दादी ने की थी। बग़दादी ने मिस्र, लीबिया, अल्जीरिया, यमन और सऊदी अरब में जिहादियों के निष्ठा जताए जाने को स्वीकार कर लिया था।
आईएस के प्रति निष्ठा जताने वालों में कई मौजूदा समूह भी हैं जो अब आईएस ‘प्रांत’ या वियालत के रूप में अपनी नई पहचान बना रहे हैं। इसमें मिस्र का अंसार बेयत अल-मक़दिस और अल्जीरिया के जुंद अल ख़िलाफ़ा जैसे समूह शामिल हैं।
मिस्र
मिस्र के सिनाई प्रांत में आईएस की शाखा पहले से मौजूद जिहादी समूह अंसार बेयत अल-मक़दिस का ही नया रूप है। यह समूह २०११ में मिस्र की क्रांति के बाद उभरा था। सिनाई वह सबसे विशिष्ट जिहादी समूह है जिसे बग़दादी ने अपने समूह में शामिल किया है और इसने नवंबर में हुए बदलाव के बाद अपनी गतिविधियां लगातार जारी रखी हैं। इस समूह ने अपना नाम बदलकर नए गठबंधन को दर्शाने वाला नाम तो रखा ही सीरिया और इराक़ में आईएस की शाखा को दर्शाने वाले नए लोगों को भी जोड़ लिया।
इसकी गतिविधियां सिनाई प्रायद्वीप में केंद्रित हैं- जहां इसने ३० जनवरी को सैनिकों पर घातक हमला किया था। लेकिन इसने काहिरा और मिस्र के पश्चिमी रेगिस्तान में भी हमलों का दावा किया है जिससे यह लगता है कि इसके आईएस की लीबिया शाखा से संपर्क हो सकते हैं।
लीबिया
नवंबर में आईएस में शामिल होने के बाद से लीबिया शाखा सर्वाधिक सक्रिय रही है और इसकी प्रचार सामग्री आईएस की सीरिया और इराक़ शाख़ा के क़रीब नज़र आई है। नवंबर में तीन आईएस ‘प्रांतों’ का ऐलान किया गया था- पूर्व में बरक़ाह, पश्चिम में त्रिपोली और दक्षिण में फ़ज़ान। उसके बाद से देश की तटीय रेखा के बीच में ही सबसे ज़्यादा गतिविधियां हुई हैं- जो घातक हमलों और हत्याओं के अलावा इसके शासन की कोशिशों के प्रचार में नज़र आती है।
सिर्फ़ एक ही हमले का दावा फ़ज़ान प्रांत ने किया है। बरक़ाह प्रांत, मुख्यतः पूर्व के शहरी केंद्रों दारनाह और बेनग़ाज़ी में सक्रिय है। ऐसा लगता है कि यह जिहादी समूह मजलिस शुरा शबाब अल-इस्लाम से बना है, जिसने अक्तूबर में आईएस के प्रति निष्ठा जताई थी। इस शाखा का सबसे बड़ा हमला २७ जनवरी को त्रिपोली के कोरिनथिया में हुआ- जिसमें पांच विदेशियों समेत कम से कम नौ लोग मारे गए थे।
अल्जीरिया
नवंबर में जुंड अल-ख़िलाफ़त की निष्ठा को बग़दादी के स्वीकार करने के बाद से आईएस की अल्जीरियाई शाखा के बारे में कम ही कहा गया है। पिछले साल अल-क़ायदा की उत्तरी अफ़्रीका शाखा (एक्यूआईएम) से टूटकर बने इस संगठन ने बाद में खुद को आईएस के अल्जीरिया प्रांत के रूप में बदल लिया। सितंबर में यह चरमपंथी समूह सुर्खियों में तब आया था जब इसने एक फ्रांसीसी पत्रकार हेर्वे गॉर्देल का सिर काट दिया था।
उसके बाद से यह ख़ामोश ही है, और इन ख़बरों पर भी कोई टिप्पणी नहीं की है कि इसके प्रमुख सुलेमान (उर्फ़ अब्देलमालेक ग़ौरी) को दिसंबर में अल्जीरियाई सेना ने मार दिया था। उसके बाद से इसने किसी तरह की गतिविधि का दावा नहीं किया है।
यमन और सऊदी अरब
नवंबर में जब बग़दादी ने एकतरफ़ा ढंग से यमन और सऊदी अरब में ‘प्रांतों’ की घोषणा कर दी तो इसने अल क़ायदा की यमन शाखा (एक्यूएपी) को नाराज़ कर दिया।
हालांकि नई शाखाओं ने किसी गतिविधि का कोई दावा नहीं किया है और न ही प्रचार किया है, लेकिन इसे वैश्विक स्तर पर जिहाद, और उस प्रतिस्पर्धा में अल-क़ायदा के लिए चुनौती माना गया था।
जून २०१४ में आईएस के ख़िलाफ़त के ऐलान के वक़्त तो अल-क़ायदा ने खुलकर प्रतिक्रिया नहीं दी थी, लेकिन उसके इलाके में शाखा खोलने के बाद वह आईएस की तीखी और गुस्सैल आलोचना करने लगा।
अफगानिस्तान-पाकिस्तान
नवंबर के बाद आईएस ने पहले नई शाखा का ऐलान अफ़गानिस्तान-पाकिस्तान में किया है। बताया जा रहा है कि नए प्रांत के प्रमुख हाफ़िज़ सईद ख़ान होंगे, जो पूर्व तालिबानी कमांडर हैं। दो हफ़्ते पहले ख़ान एक वीडियो में दिखे थे, जिसमें अफ़गानिस्तान-पाकिस्तान के १० जिहादी कमांडर, उनके स्थानीय नेतृत्व में आईएस के प्रति निष्ठा जता रहे थे। इस वीडियो में एक पाकिस्तानी सैनिक का सिर काटने का भी दृश्य था.
नई शाखा का नाम खोरासान प्रांत रखा गया है- ऐतिहासिक रूप से जिहादी इसे यही पुकारते थे। आईएस के मुताबिक इसमें अफ़गानिस्तान, पाकिस्तान और ‘आस-पास के अन्य इलाक़े’ आते हैं। आईएस का यह कदम इस इलाके में सक्रिय मुख्य जिहादी समूहों अल-क़ायदा और तालिबान को बड़ी चुनौती है।
अन्य इलाक़े
हालांकि आईएस ने अन्य क्षेत्रों में ‘प्रांतों’ की घोषणा नहीं की है, लेकिन ऐसी ख़बरें हैं कि दुनिया भर के हादियों ने इसमें निष्ठा जताई है। हाल ही में अपनी अंग्रेज़ी पत्रिका दाबिक़ में इसने संकेत दिए हैं कि नई घोषणाओं पर विचार चल रहा है। बग़दादी के ऐलान के बाद नवंबर अंक में कहा गया था कि कॉकेश्यस, इंडोनेशिया, फ़ीलिपींस, नाइजीरिया और अन्य जगहों से आईएस में निष्ठा जताई गई है जिन्हें स्वीकार कर लिया गया है।
लेकिन इसमें कहा गया कि नए ‘प्रांत’ की घोषणा से पहले कुछ शर्तें पूरी की जानी ज़रूरी हैं। नाइजीरिया का ज़िक्र बोको हराम की ओर इशारा हो सकता है, जिसकी प्रचार सामग्री हाल में बढ़ गई है- ज़ाहिर है कि आईएस मीडिया की मदद से।
स्त्रोत: बी बी सी