फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्थी, कलियुग वर्ष ५११६
पिछले साल नंवबर से फरार चल रहे वर्ष २००२ के गोधरा दंगे के एक मुजरिम को भरूच पुलिस ने गिरफ्तार किया है । गोधरा ट्रेन अग्निकांड में सलीम युसूफ रजा जर्दा को मृत्युदंड सुनाया गया था। वह १५ दिनों के पैरोल के दौरान फरार हो गया था। वह पिछले साल १८ नवंबर को जेल वापस नहीं गया जहां उसे रखा गया था।
भरूच के पुलिस अधीक्षक बिपिन अहीर ने शुक्रवार को बताया कि जर्दा को गुरुवार रात आमोद तालुका पुलिस की एक टीम ने पकड़ा। टीम आमोद-भरूच राजमार्ग पर कार चोर को ढूढ़ने में जुटी थी।
अहीर ने कहा, ‘‘पिछले कुछ सप्ताह से आमाद और उसके आसपास खूब कार चोरियां होने लगी हैं। स्थानीय पुलिस को सूचना मिली कि चोरों ने चार पहिया वाहनों का चुराने से पहले अपनी कार से मुआयना किया। उन्हें पकड़ने के लिए आमोद पुलिस की एक टीम गुरुवार रात आमोद राजमार्ग पर गश्ती कर रही थी।’’
उन्होंने बताया कि करीब आधी रात को पुलिस ने कार चोरों के संदेह में एक कार को पकड़ा जिसमें ३-४ लोग थे। उनकी पहचान की जांच करने पर एक की पहचान सलीम जर्दा के रूप में हुई। उसके बाद उसे और अन्य को हिरासत में ले लिया गया और बाद में गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद जर्दा केा गोधरा पुलिस के हवाले कर दिया जाएगा।
जर्दा गोधरा ट्रेन अग्निकांड के ३१ मुजरिमों में एक है। जर्दा और १० अन्य को विशेष अदालत ने मार्च, २०११ को मृत्युदंड सुनाया था जबकि २० मुजरिमों को उम्रकैद की सजा सुनायी गयी थी। इसी अग्निकांड के बाद गुजरात में भयंकर दंगा फैला था।
स्त्रोत : आज तक