फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्थी, कलियुग वर्ष ५११६
हिन्दू जनजागृति समिति का ‘राष्ट्रध्वज का आदर करें’ अभियान !
निपाणी-बेळगावी (कर्नाटक) : निपाणी शहर तथा आसपास के गांवों में कुछ स्थानोंपर रंगोली मुद्रित करते समय उस में राष्ट्रध्वज अंकित किया जाता है। यह अनादर किसी के भी ध्यान में नहीं आया। इस वर्ष हिन्दू जनजागृति समिति ने ‘राष्ट्रध्वज का आदर करें’ इस अभियान के अंतर्गत ११ जनप्रतिनिधियोंको निवेदन प्रस्तुत किया।
नगरसेवक श्री. धनाजी निर्मळे ने नगरपालिका में प्रशासकीय अधिकारी, शिक्षणाधिकारी, अध्यापक, पुलिस, तहसीलदार के साथ एकत्रित बैठक में निवेदन के सभी सूत्र, साथ ही रंगोली द्वारा किए जानेवाले अनादर के संदर्भ में बताया। उस बैठक में उपनगराध्यक्ष श्री. बाळासाहेब देसाई (सरकार) द्वारा भी इस पर कृत्य करने की मांग की गई। अतः यह विषय सभी लोगोंतक पहुंचा तथा इस वर्ष अनेक स्थानोंपर इस प्रकार की अनादरवाली रंगोली मुद्रित नहीं की गई, अपितु कुछ स्थानोंपर प्रबोधन के पश्चात उसे पोंछा गया। (राष्ट्रध्वज का अनादर रोकने हेतु कृत्य करनेवाले नगरसेवक श्री. धनाजी निर्मळे तथा उपनगराध्यक्ष श्री. बाळासाहेब देसाई (सरकार) का अभिनंदन ! अन्यत्र के जनप्रतिनिधियोंको भी इस प्रकार नेतृत्व से कृत्य करने चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
१. उपनगराध्यक्ष श्री. बाळासाहेब देसाई को निवेदन प्रस्तुत करने के पश्चात उन्होंने त्वरित विभाग के कर्मचारियोंको सूचना दी कि ‘रंगोली में राष्ट्रध्वज मुद्रित न करें।’
२. अनेक अध्यापकोंने बताया कि ‘हमें नगरपालिका से सूचना प्राप्त हुई है।’ अतः अध्यापकोंने छात्रोंका प्रबोधन किया; इसलिए कुछ स्थानोंपर इस प्रकार की रंगोली मुद्रित नहीं की गई ।
३. श्री. धनाजी निर्मळे ने उनके विभाग में रंगोलीद्वारा होनेवाले अनादर के संदर्भ में अपने कार्यकर्ताओंको बताया था। विद्यानगर से आते समय उनके ध्यान में यह आया कि एक द्वार पर रंगोली में राष्ट्रध्वज मुद्रित किया गया है। उन्होंने त्वरित उस घर के व्यक्ति को बुलाकर विषय बताया। तदुपरांत उन्होंने वह रंगोली पोंछ दी। (श्री. धनाजी निर्मळे के समान सक्रिय जनप्रतिनिधि सर्वत्र होने चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
४. दलाल पेठ, निपाणी में एक व्यक्ति के द्वार पर रंगोलीद्वारा तिरंगा मुद्रित किया गया था। श्री. संदीप जाधव तथा श्री. सुनील वाडकर के प्रबोधन के पश्चात प्रथम तो उन्होंने यह स्वीकार नहीं किया; किंतु तत्पश्चात उन्होंने यह बात स्वीकार कर बताया कि ‘भविष्य में पुनः ऐसा कृत्य नहीं होगा।’
५. यरनाळ, इस गांव में प्रश्नमंजूषा अभियान हेतु जाने के पश्चात वहां की अध्यापिका श्रीमती वैशाली सरदेसाई ने बताया कि ‘आप ने राष्ट्रध्वज के संदर्भ में प्रबोधन करते समय रंगोली द्वारा राष्ट्रध्वज मुद्रित करना, यह बात अनुचित कैसे है, इस संदर्भ में अधिक जानकारी दी। हम प्रतिवर्ष १५ अगस्त तथा २६ जनवरी के दिन छात्रोंको लेकर फेरी का आयोजन करते हैं। इस वर्ष हमें किसी के भी द्वार पर रंगोली में मुद्रित किया गया राष्ट्रध्वज देखने को प्राप्त नहीं हुआ। सर्व छात्रोंने घर जाकर बताया था, इसीलिए यह प्रकरण नहीं हुआ। हिन्दू जनजागृति समिति तथा सनातन संस्था का कार्य अत्यंत प्रशंसनीय है।’
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात