फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्थी, कलियुग वर्ष ५११६
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देशको नैतिकता के रास्ते पर लाने का छत्तीसगढ की भाजप सरकार हा प्रशंसनीय निर्णय !
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अन्य राज्यों मे भी एेसा हो इसकी मांग करें !
नई देहली : वैलेंटाइन डे को अब प्यार का दिन नहीं बल्कि “मातृ-पितृ दिवस” के नाम से जाना जाएगा। छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने राज्य के सरकारी स्कूलोंको निर्देश जारी कर कहा है कि अब वैलेंटाइन डे को अब “मातृ-पितृ” दिवस या माता-पिता की पूजा दिवस के नाम से हर साल मनाया जाएगा।
ये परंपरा छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में दो साल पहले शुरू की गई थी। रेप के मामले में जेल में बंद आसाराम बापू ने मुख्यमंत्री रमन सिंह को १४ फरवरी के दिन वैलेंटाइन डे की जगह मातृ-पितृ दिवस मनाने का सुझाव दिया था। वैलेंटाइन-डे पर स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित करने के संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा आदेश जारी किया गया है। इसकी जानकारी सभी स्कूल को दे दी गई है।
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वैलेंटाइन-डे पर स्कूलों में आयोजित कार्यक्रम में स्टूडेंट्स के माता-पिता को स्कूल में बुलाया जाएगा, जहां उनका सम्मान किया जाएगा। स्टूडेंट्स तिलक लगाकर अपने माता-पिता का अभिवादन करेंगे और चरण स्पर्श कर उनका आशीर्वाद लेंगे।
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अवश्य पढें, ‘वैलेंटाइन डे’ के बारे में . . .
हिंदुओ, ब्रिटिशोंका जूठा खानेकी अपेक्षा महान हिंदु संस्कृतिका आदर्श सामने रखकर उसका पालन करें !
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स्त्रोत : पत्रिका