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अखिल भारतीय हिंदू अधिवेशनकी सिद्धता पूर्ण

आषाढ कृ ६, कलियुग वर्ष ५११४

 

हिंदू राष्ट्र स्थापित करने हेतु गोवामें आयोजित अधिवेशनमें सहभागी होनेके लिए हिंदुत्ववादी एवं मान्यवरोंके आगमनका शुभारंभ

 

रामनाथी (फोंडा, गोवा) – श्री रामनाथ देवस्थानमें कलसे आरंभ हो रहे ‘अखिल भारतीय हिंदू अधिवेशन’की सिद्धता पूर्ण हुई है । ‘हिंदू राष्ट्र स्थापना’के उद्देश्यसे हो रहे इस अधिवेशनमें सहभागी होने हेतु देशभरसे हिंदुत्ववादी संगठनोंके नेता, संत, धर्माचार्य, विचारवंत, अधिवक्ता, संपादक आदियोंका आगमन होना आरंभ हुआ है, ऐसी सूचना ‘अखिल भारतीय हिंदू अधिवेशन’के आयोजन प्रमुख आधुनिक वैद्य मनोज सोलंकीद्वारा प्राप्त हुई है । इस ऐतिहासिक अधिवेशनका आयोजन हिंदु जनजागृति समितिने किया है ।
 

देशभरके हिंदुत्ववादी संगठनोंके नेताओंके आगमनका प्रारंभ

१० जून से १४ जूनकी कालावधिमें हो रहे अधिवेशनके लिए अबतक ‘पनून कश्मीर’ संगठनके अध्यक्ष श्री. अश्विनकुमार चृंगू, मध्यप्रदेश राज्यके समाजवादी दलके संसद सदस्य एवं अधिवक्ता अतुल वर्मा, गाजीपुर(उत्तरप्रदेश)के पू. युश महाराज, भोपालके ‘धर्मपालन शोधपीठ’के संस्कृति विभागके अध्यक्ष प्रा. रामेश्वर मिश्रा, मध्यप्रदेशके ‘सुभाष क्रांतिकारी दल’के प्रदेशाध्यक्ष श्री. अरविंद महाराज उपाध्याय, उच्च न्यायालयके ज्येष्ठ अधिवक्ता सुरेश कुलकर्णी, ‘केरलीय क्षेत्रपरिपालन समिति’चे श्री. पी.पी.पी नायर, हिंदु जनजागृति समितिके राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे, ‘सनातन संस्था’के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. अभय वर्तक आदियोंका आगमन हुआ है ।
इस सम्मेलन हेतु बंगालके ‘हिंदू संहति’ नामक संगठनके प्रमुख श्री. तपन घोष, दक्षिण भारतके ‘श्रीराम सेना’के अध्यक्ष श्री. प्रमोद मुतालिक, ‘सुदर्शन’ हिंदी समाचारप्रणालके प्रबंधक श्री. सुरेश चव्हाणके, ‘न्यूजमेकर्स’  हिंदी समाचारप्रणालकी प्रबंधक श्रीमती वैदेही ताम्हण, आंध्रप्रदेशके ‘श्रीराम प्रणाल’के श्री. राजासिंग ठाकुर, झारखंडके ‘तरुण हिंदू’ इस संगठनके अध्यक्ष आधुनिक वैद्य नील माधव दास आदि मान्यवरोंका आगमन शेष है ।
 

धर्मरक्षा एवं हिंदू राष्ट्र स्थापनाके विषयकी रूपरेखा निश्चित होगी

प्रतिदिन सवेरे ९.३० बजेसे सांयकाल ६.३० बजेतक चलनेवाले इस अधिवेशनमें कश्मिरके हिंदुओंकी दुःस्थिती, हिंदू मंदिरोंका सरकारीकरण, सांप्रदायिक लक्ष्यित हिंसा कानून, भगवे आतंकवादका षडयंत्र, गोरक्षा, धर्मांतरण, घुसपैठ, लव्ह जिहाद, इतिहासका विकृतिकरण आदि हिंदुओंकी दृष्टिसे संवेदनशील विषयोंपर चर्चा एवं कार्यका कार्यक्रम निश्चित होगा । उसी प्रकार हिंदू राष्ट्र स्थापनाके दृष्टिकोनसे हिंदुसंगठन करनेकी दिशा निश्चित की जाएगी । इस अधिवेशनमें हिंदुत्ववादी विचारवंत, संपादकोंके भी विभिन्न चर्चासत्र होंगे । साथ ही अधिवेशनके अंतिम दो दिन हिंदुत्ववादी अधिवक्ताओंका स्वतंत्र अधिवेशन भी होगा । इस अधिवेशनमें सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालयके अधिवक्ता एवं भूतपूर्व न्यायाधीशोंका सहभाग होगा ।
 

धर्मशिक्षा एवं धर्मरक्षाके विषयोंपर प्रदर्शनी !

अधिवेशनके स्थानपर प्रतिदिन ‘देवालयमें दर्शन वैâसे करें, देवी-देवताओंकी उपासना, धर्माचरण, मंदिरोंकी सुरक्षा, कश्मीरके हिंदुओंकी दुःस्थिति, बांगलादेशके हिंदुओंपर हो रहे अत्याचार, हिंदू राष्ट्रकी स्थापना’ आदि विभिन्न विषयोंपर प्रदर्शनीका आयोजन किया है ।

स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात
 

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