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मेवातको पाकिस्तान होनेसे बचाएं !

मार्गशीर्ष शुक्ल १२ , कलियुग वर्ष ५११५


वर्तमान समयमें पूरे भारतको ही इस्लामी राज्य बनानेकी प्रक्रिया चल रही है; परंतु कुछ क्षेत्रोंमें यह प्रक्रिया अत्यधिक तीव्र गतिसे चल रही है । उसमेंसे एक है देहलीके समीप मेवात ! श्री. अरुण कुमार सिंहने नवंबर २०१२ के ब्यौरेके आधारपर मेवातको किस प्रकारसे पाकिस्तान बनाया जा रहा है, इसका वर्णन किया है, जो यहां लेखरूपमें दे रहे हैं ।

१. मेवातका इतिहास

देशकी राजधानी देहलीसे केवल ६० किलोमीटरकी दूरीपर मेवात प्रांत है । गुडगांवसे अलवर मार्गपर आगे जानेके पश्चात सोहना नामक गांवके बाद मेवात क्षेत्र आरंभ होता है । मेवात क्षेत्र हरियाना, राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश राज्यमें पैâला हुआ है । मेवात पहले गुडगांव जनपदका हिस्सा था । ४ मई २००४ को मेवातको स्वतंत्र जनपद बनाया गया तथा नूंहको जनपदके मुख्यालयका स्तर दिया गया । मेवात जनपदका क्षेत्रफल १ सहस्र ७८४ वर्ग किलोमीटर है । मेवात जनपदमें कुल मिलाकर छह तहसील हैं । पुन्हाना, फिरोजपुर, झिटका, नगीना, नूंह, तावडु तथा हथिन । मेवात एक मुसलमानबहुल क्षेत्र है । यहां मेव मुसलमानोंका प्रभाव है । पहले मेव हिंदू ही थे । मेव एक जाति है । अभी भी कुछ मेव हिंदू हैं । १४ वें शतकमें तुगलक वंशकी कालावधिमें मेवातके लोगोंको बलप्रयोगद्वारा मुसलमान बनाया गया । किंतु ये लोग अनेक वर्षोंतक अपनी सांस्कृतिक पहचान बचानेमें यशस्वी हुए थे; किंतु १९२० के उपरांत विशेषरूपसे शरीयत अधिनियम (ऐक्ट) १९२७ के उपरांत धर्मांध संगठनोंद्वारा इन लोगोंको अपने रंगमें रंगनेका प्रयास आरंभ किया गया । इसका दुष्परिणाम यह हुआ कि यहां स्थित मुसलमान पाकिस्तानकी मांगका समर्थन करने लगे; किंतु जब पाकिस्तान हुआ, उस समय यहांके अत्यल्प मुसलमान पाक गए ।

२. मेवातको पाकिस्तान बनानेका प्रयास होने लगा !

अब यह प्रतीत होता है कि ये लोग मेवातको ही पाकिस्तान बनानेका प्रयास कर रहे हैं । हरियानाके मेवात क्षेत्रमें चल रहे हलचलद्वारा यह बात सामने आ रही है । हरियानामें मेवात क्षेत्रको ही कट्टरवादियोंने बहुत वर्ष पूर्व ही बांग्ला देश बनाया है । बांग्ला देशमें केवल ८ प्रतिशत हिंदू शेष हैं, यही स्थिति मेवातकी भी हो गई है । १९४७ में बांग्लादेशमें लगभग ३० प्रतिशत तथा मेवातमें भी लगभग ३० प्रतिशत हिंदू थे । किंतु अब वे हाथकी उंगलीपर गिने जा सकते हैं, इतने ही शेष रहे हैं ।

३. मेवातके हिंदुओंको धर्मांध मुसलमानोंद्वारा प्रतिदिन विभिन्न माध्यमोंसे अनगिनत यातना !

आज हरियानाके मेवातमें हिंदुओंके साथ वह घट रहा है, जो बांग्ला देश तथा पाकिस्तानमें हिंदुओंके साथ घट रहा है । हिंदू लडकियां तथा महिलाओंका अपहरण, उनका धर्मांतरण एवं तदुपरांत किसी मुसलमानके साथ बलप्रयोगद्वारा निकाह करवाना, हिंदुओंको बलप्रयोगद्वारा मुसलमान बनाना, हिंदू व्यापारियोंकी ओरसे बलपूर्वक लगान प्राप्त करना, मंदिर तथा श्मशानोंके भूखंड बलपूर्वक अधिकारमें लेना, बांग्ला देशके घुसपैठियोंको रहनेके लिए सुविधा प्राप्त कर देना, हिंदुओंको झूठे परिवादमें फंसाना, हिंदुओंके स्थानोंपर डाका डालना, आदि बातें यहांके हिंदुओंको डरानेके लिए प्रतिदिन की जाती हैं । छोटी-छोटी बातोंपर प्रत्येक हिंदूको कष्ट दिए जाते हैं ।

४. धर्मांध मुसलमान विभिन्न माध्यमोंद्वारा किस प्रकार हिंदुओंको यातना देते हैं, इसके कुछ महत्त्वपूर्ण उदाहरण !

यहां गांवमें उनकी पत्नी तथा बच्चोंको निरंतर यातना दी जाती है । उनके बच्चोंपर कुरान फाडनेका परिवाद किया गया । तदुपरांत वह बात अनुचित सिद्ध हुई । इस कालावधिमें उनकी लडकीके साथ मेरे लडकेका विवाह निश्चित हुआ तथा हम २७ जुलाई २०१२ को बारात लेकर उनके घर पंहुचे । इतनेमें गांवके मुसलमान वहां पहुंचे एवं कहने लगे, यह विवाह नहीं हो सकता, क्योंकि लडकीके पिताने इस्लामको स्वीकार किया है । अतः लडकीका विवाह किसी मुसलमानके साथ ही हो सकता है; किंतु लडकीकी मांने इन सभी बातोंको अस्वीकार किया । अतः अंतमें पुलिसकी निगरानीमें विवाह संपन्न हुआ ।

४ अ. लव जिहादके माध्यमसे हिंदू लडकियोंको मुसलमान बनाना, साथ ही विक्रय करना !

४ अ १. २५ मई २०१२ को मेवली गांवके अग्रवाल परिवारकी लडकीका अपहरण किया गया तथा उनका विवाह किसी मुसलमानके साथ किया गया । वह मुसलमान दो बच्चोंका बाप है ।

४ अ २. मेवातके अधिकतर मुसलमान युवक ट्रकचालक हैं । ट्रक चलानेके बहाने उन्हें पूरे भारतमें घूमनेकी संधि प्राप्त होती है । हर बार ये युवक हिंदू युवतियोंको साथ लेकर जाते हैं । कुछ दिन मौजमस्ती करते हैं । पश्चात उन्हें बेच देते हैं ।

४ अ ३. आर्य वेद प्रचार मंडल, मेवातके संरक्षक श्री पद्मचंद आर्यद्वारा बताया गया कि इस प्रकारकी अनेक युवतियोंको हमारे कार्यकर्ताओंने जान धोखेमें डालकर मुसलमानोंके चंगुलसे बचाया है ।

४ आ. तबलिगी जातिके मुसलमानोंद्वारा स्थानीय मुसलमानोंको जिहाद, लव जिहाद, साथ ही हिंदुओंका धर्मांतरण करनेके लिए प्रतिदिन प्रवृत्त किया जाना

मेवातके मुसलमानोंमें कट्टरवाद अंकित करनेका कार्य तबलिगी जातिके लोग कर रहे हैं । यहांके स्थानीय लोगोंने बताया कि इस जातिके लोग गांवगांवमें घूमते हैं तथा मुसलमान युवकोंको जिहाद तथा लव जिहादके लिए प्रवृत्त करते हैं । साथ ही हिंदुओंको मुसलमान बनानेका कार्य करते हैं । लगभग एक वर्ष पूर्व ही पिन्हवाका एक युवक ललित मौलानाके वक्तव्यसे प्रभावित होकर मुसलमान बना था । इतना ही नहीं, वह इस्लामका प्रचार भी करने लगा था; किंतु शीघ्र ही उसे उसकी चूक ध्यानमें आई तथा आर्य समाजके कार्यकर्ताओंके सहयोगसे वह पुनः हिंदू बना । मेवातमें प्रतिदिन इस प्रकारकी घटनाएं घटती हैं ।

४ इ. ओमवीरको बलपूर्वक मुसलमान बनाना, पुनः हिंदू बननेके पश्चात मुसलमानोंद्वारा आ रही धमकियोंके कारण उसे छुपछुपकर दिन बिताने पडते हैं । साथ ही मुसलमानोंद्वारा उसकी लडकीका विवाह तोडनेका प्रयास किया जाता है !

नगीनामें रहनेवाले वीरसिंहने उनके विवाहित ओमवीर (गांव भिमसिका, तहसील हथिन)के साथ हो रहे दुर्व्यवहारके संदर्भमें जो बताया, वह पूरे हिंदू समाजके लिए लज्जास्पद बात है । वीरसिंहके कथनानुसार ओमवीरको कुछ दिन पूर्व ही तबलिगी जातिके लोगोंने मीठे बोल बोलकर मुसलमान बनाया था; किंतु चार मासके पश्चात उन्हें इसका पता चला कि यह बात क्या है, । वे लौटकर आए एवं एक हिंदू कहकर रहने लगे । तदुपरांत उन्हें मारनेकी धमकी दी गई । जान बचानेके लिए अभी भी वे गांवके बाहर छिपछिपकर रहते हैं ।

४ ई. मुसलमान लडकीसे प्यार करनेवाले हिंदूको मुसलमान बनना पडता है, उनके पिताको मुसलमानोंद्वारा निरंतर धमकियां आनेके कारण उन्हें स्थानांतर करना पडता है । इतना ही नहीं, मुसलमान ग्रामवासियोंको गांवकी अन्य हिंदू लडकियोंको भगानेकी धमकी भी देते हैं ।

एक ओर हिंदू लडकीका बलपूर्वक मुसलमान लडकेके साथ विवाह किया जाता है, तो दूसरी ओर यदि कोई हिंदू लडका मुसलमान लडकीसे प्यार करता है, तो उसे मुसलमान बननेके लिए विवश किया जाता है । यदि उसने यह बात अस्वीकार की, तो पूरा मुसलमान समाज उसपर टूट पडता है । नगीनामें रहनेवाले भारत भूषण जैनका अकेला लडका विशाल जैन एक मुसलमान लडकीके मोहजालमें फंस गया । वासिम अहमद बनकर उसने उस लडकीके साथ निकाह किया । अब वह वल्लभगढमें निवास कर रहा है । विशाल मुसलमान बन गया है, ऐसा होते हुए भी मुसलमानोंका विशालके पिताको धमकी देना आरंभ ही है । जान बचानेके लिए वे अब घरबार बेचकर फरीदाबादमें निवास कर रहे हैं ।

इस घटनाका लाभ उठाकर अब खुले आम नगीनामें निवास करनेवाले हिंदुओंको भी धमकियां दी गर्इं कि उस एक मुसलमान लडकीके बदलेमें एक हिंदू लडकी उठाई जाएगी । इस कारण वहांके हिंदुओंने अनेक दिनोंतक अपनी लडकियोंको पढाईके लिए पाठशाला-महाविद्यालमें भेजा ही नहीं ।

४ उ. हिंदुओंको भगानेके उद्देश्यसे मुसलमान कुछ ना कुछ बहाना निकालकर हिंदुओंकी दुकानोंका बहिष्कार कर रहे हैं । इस बातके लिए हिंदुओंकी दुकानोंपर चौकीदार बिठाना, साथ ही मुसलमानोंद्वारा हिंदुओंकी उधारकी राशि डुबाना ।

उपर्युक्त घटनाके पश्चात मुसलमानोंने यह भी फतवा निकाला कि कोई भी मुसलमान किसी भी हिंदू दुकानदारसे कुछ भी सामान खरीद नहीं सकता । हिंदुओंकी दुकानोंके बाहर मुसलमान चौकीदार बिठाए गए । यदि कोई मुसलमान किसी हिंदू दुकानदारकी ओरसे सामान लेते हुए दिखाई दिया, तो उसे पकडा जाएगा । उन्हें केवल यह कार्य दिया गया । हिंदुओंकी दुकानोंपर बिठाया गया यह बहिष्कार अनेक दिनोंतक आरंभ था ।

मेवातके हिंदुओंका कहना है कि कुछ ना कुछ बहाना निकालकर हर दिन हिंदू दुकानदारोंका बहिष्कार किया ही जाता है । इस बातके दो प्रमुख उद्देश्य हैं – एक हिंदुओंको भगाना तथा दूसरा उधारकी राशि डुबाना । यह बात ध्यानमें आई है कि यहांके मुसलमान हिंदू दुकानदारोंसे उधारपर कुछ सामान खरीदते हैं तथा जब उनकी राशि अधिक हो जाती है, उस समय उनका बहिष्कार किया जाता है । हिंदुओंका कहना है कि उधार देना उनकी लाचारी है । यदि सामान उधार नहीं दिया गया, तो भी अडचनें ही हैं ।

४ ऊ. सुविधाओंका लाभ मुसलमानोंको ही देना

१. हिंदुओंको कहीं भी कोई न्याय प्राप्त नहीं होता । मेवातमें शासकीय योजनाओंमें भी हिंदुओंके साथ भेदभाव किया जाता है । मेवात विकास एजेन्सी (एम्डीए) नामक इस शासकीय संस्थाका वार्षिक बजेट ७० करोड रुपए है । इस बातका उपयोग अधिकांश मुसलमानोंके लिए ही किया जाता है ।

२. मेवातमें एक जुनियर बेसिक टीचर ट्रेनिंग स्कूल है । उसमें कुल मिलाकर ५९ स्थान हैं; किंतु उनमेंसे २५ स्थान (सीट्स) मुसलमानोंके लिए आरक्षित किए गए हैं ।

४ ए. मुसलमानोद्वारा मंदिरों एवं श्मशानोंकी भूमि नियंत्रणमें लेना, जिससे हिंदुओंपर मार्गके किनारेपर अंत्यसंस्कार करनेका समय आना ।

मेवातके ग्रामीण क्षेत्रसे हिंदुओंके पलायन करनेके पश्चात मुसलमानोंने मंदिरों एवं श्मशानोंकी भूमि नियंत्रणमें ले ली है, जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रके शेष हिंदुओंको अत्यधिक कष्ट हो रहे हैं । यदि किसी हिंदूको अपने किसी मृत सगेसंबंधीका अंत्यसंस्कार करना है, तो उसे मार्गके किनारेपर ही करना पडता है । एक दिन जब हम लोग बडकली चौकसे पिनवाला जा रहे थे, तो कुछ लोग मार्गके किनारेपर एक हिंदूका अंत्यसंस्कार करनेकीr सिद्धता कर रहे थे । भीडको देखकर हम रुक गए । इसी समय कुछ युवक हमारे समीप आए एवं उनमेंसे प्रेम नामक युवकने कहा कि वह मृत देह उसके चाचा बुधसिंहकी है । सवेरे ही मार्गपर हुई एक दुर्घटनामें उनकी मृत्यु हुई थी । हमारे, 'मार्गके किनारेपर अंत्यसंस्कार क्यों कर रहे हो,’ ऐसा पूछनेपर प्रेमने बताया कि आसपासके खेतमालिकोंने श्मशानभूमि नियंत्रणमें ली है । अतः हमें अत्यधिक कष्ट सहन करना पडता है । जिन लोगोंने यह भूमि नियंत्रणमें ली है, वे कहते हैं कि मृत देह जलानी ही है, तो कहींपर भी जलाएं । प्रेमने यह भी बताया कि उसके अटेरना शमशाबाद गांवमें हिंदुओंके केवल तीन घर शेष बचे हैं ।

४ ऐ. सूर्योदयसे पूर्व सैकडों गोवंशकी हत्या कर प्रतिदिन दूधकी अपेक्षा गोमांसका अधिक विक्रय होना, गोवंशकी चोरी / तस्करी होना तथा इन सब बातोंको स्थानीय नेताओंद्वारा संरक्षण मिलना ! 

स्थानीय लोगोंने कहा कि पूरे मेवातमें सूर्योदयसे पूर्व सैकडों गोवंशकी हत्या होती है । पश्चात उनका मांस एक किलो, आधा किलो ऐसी थैलियोंमें बंद कर उनका विक्रय किया जाता है । मांस बेचने हेतु लोग अनेक गांवोंमें घूमते हैं । उनकी संख्या दूध बेचनेवालोंसे अधिक है । यहां चोरीसे (तस्करी कर ) गोवंश लाया जाता है । मेवातमें भाजपाके भूतपूर्व अध्यक्ष, तथा भाजपा गो-प्रकोष्ठके प्रदेश अध्यक्ष श्री. भनीराम मंगला कहते हैं, 'गो हत्या करनेवाले लोगोंको मेवातमें स्थानीय नेताओंसे सुरक्षा मिल रही है । इसलिए उनके विरोधमें कोई कार्यवाही होना संभव नहीं है । मतोंकीr राजनीतिने मेवातकी सभ्यता एवं संस्कृतिको बदल डाला है ।

४ ओ. मस्जिदों तथा मदरसोंमें प्रचुर मात्रामें वृद्धि होकर उसमें अपराधियोंको सुरक्षा मिलना एवं मस्जिदमें पुलिसका भी जाना असंभव होना ।

पूरे मेवातमें भारी संख्यामें मस्जिदों एवं मदरसोंका निर्माणकार्य हो रहा है । प्रमुख मार्गके पास प्रत्येक मोडपर मस्जिदोंका निर्माणकार्य हो रहा है तथा ८-१० गावोंके मध्य क्षेत्रमें एक बडा मदरसा बनाया जा रहा है । कोई भी अपराध कर अपराधी मार्गके पास स्थित मस्जिदमें छिपकर बैठ जाते हैं । पुलिसके लिए उन्हें नियंत्रणमें लेना असंभव हो जाता है । क्योंकि पुलिस मस्जिदके अंदर शोधन नहीं कर सकती । एक बार पुलिसकर्मियोंने शोधन किया, तो उनपर धार्मिक ग्रंथोंका अनादर करनेका आरोप लगाकर अत्यधिक कोहराम मचाया गया था ।

४ औ. ग्रामपंचायतकी भूमिपर घुसपैठियोंको बसाया जाना, स्थानीय मुसलमानोंद्वारा उनकी सहायताके लिए पैसे संग्रहित करना तथा उनके नाम मतदाता सूचीमें डालना 

मेवातके अनेक क्षेत्रोंमें बांग्लादेशी मुसलमान घुसपैठियों एवं म्यानमारसे हटाए गए रोहिंग्यायी मुसलमानोंको बसाया जा रहा है,  जिसके लिए ग्रामपंचायतकी भूमि उपलब्ध कराई जा रही है । पुन्हानामें ‘केनाल’ रेस्ट हाऊसमें तंबूका निर्माण कार्य कर इन मुसलमानोंको रखा जाता है । तत्पश्चात उन्हें अन्य पंचायतोंमें बसाया जाता है ।

सूत्रोंके अनुसार बताया जाता है कि इन मुसलमानोंको ‘जमियत उलेमा हिन्द’के स्थानपर मेवातके अनेक धर्मांध संगठन, पंचायत प्रतिनिधि एवं विविध राजनीतिक पक्षोंके मुसलमान नेता सहायता कर रहे हैं । स्थानीय लोगोंने बताया कि २०० विदेशी मुसलमान परिवारोंको नूंहके रेवसन तथा फिरोजपुर जिरकके पास बसाया गया है । सूत्रोंके अनुसार मुसलमानोेंकी सहायताके लिए स्थानीय मुसलमानोंद्वारा पैसे वसूल किए जाते हैं । ऐसा भी ध्यानमें आया है कि इन मुसलमानोंके नाम मतदाता सूचीमें प्रविष्ट करनेके लिए प्रयास किए जा रहे हैं ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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