फाल्गुन कृष्ण पक्ष सप्तमी, कलियुग वर्ष ५११६
हिन्दुओ, पालकमंत्री के आदेश का पालन होने तक इस बात के लिए प्रशासन का पीछा करें ! ईश्वरीय अधिष्ठान के कारण ही हिन्दू जनजागृति समिति के कार्य को सफलता प्राप्त होती है, यह ध्यान में रखते हुए धर्मकार्य में सफलता प्राप्त करने हेतु अन्य हिन्दूनिष्ठ संगठनों के कार्यकर्ताओं तथा सर्वत्र के हिन्दुओं को साधना में वृद्धि करना अनिवार्य है !
हिन्दुओ, इस सफलता के लिए ईश्वर के चरणों में कृतज्ञता व्यक्त करें !
हिन्दू जनजागृति समिति का आंदोलन
१८ जनवरी के दिन नंदुरबार में हिन्दू जनजागृति समिति की हिन्दू धर्मजागृति सभा संपन्न हुई । उस समय अवैध पशुवधगृह, गोवंशियों का अवैध परिवहन तथा टीपू सुलतान के नाम के फलक के संदर्भ में वैध मार्ग से आंदोलन करने का निश्चित किया गया । तत्पश्चात २७ जनवरी के दिन उपर्युक्त मांगों के लिए शांति मार्ग से मोरचा का आयोजन किया गया । इससे यह कह सकते हैं कि पालकमंत्री द्वारा प्राप्त आदेश के कारण मोरचा को सफलता प्राप्त हुई !
नंदुरबार : राज्य के जलसंपदामंत्री तथा जनपद के पालकमंत्री श्री. गिरीश महाजन द्वारा ६ फरवरी के दिन पत्रकार परिषद में जनपदाधिकारी, नगरपालिका के मुख्याधिकारी तथा पुलिस अधिकारी को यह सूचना दी गई कि शहर के अवैध पशुवधगृह हटाएं, घडे पर किया जानेवाला मांसविक्रय तथा गोवंशियों के अवैध परिवहन पर प्रतिबंध लगाएं तथा टीपू सुलतान के नाम का फलक हटाएं । ( हिन्दुओं की मांगों की ओर ध्यान देकर उसके लिए आवश्यक कृत्य करनेवाले जलसंपदामंत्री तथा जनपद के पालकमंत्री श्री. गिरीश महाजन का अभिनंदन ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
पालकमंत्री ने बताया कि
१. जातिवाद को पुष्टि देनेवालों पर प्रतिबंध लगाने की सूचना पुलिस को प्राप्त है ।
२. महानगरपालिका टीपू सुलतान के नाम का विवादित फलक हटाने की प्रक्रिया त्वरित करे तथा उसे हटाए ।
३. इस चौक का नाम ‘रानी लक्ष्मीबाई चौक’ होने की रसीद मेरे पास थी, जो मैंने प्रस्तुत की है; किंतु उसकी निश्चिति महापालिका करे तथा टीपू सुलतान का नाम परिवर्तित कर उस चौक को अन्य कोई भी नाम प्रदान करे ।
पालकमंत्री की बैठक में क्या हुआ ?
गत ३ दिनों से धर्मांधों की हिंसा के कारण नंदुरबार त्रस्त था । उस संदर्भ की जांच करने हेतु पालकमंत्री श्री. महाजन ने सर्व शासकीय अधिकारियों की बैठक आयोजित की । उस समय श्री. महाजन ने जनता द्वारा प्राप्त पृथक परिवादों के निवेदनों को भी स्वीकार किया ।
स्तोत्र : दैनिक सनातन प्रभात