फाल्गुन कृष्णपक्ष षष्ठी, कलियुग वर्ष ५११६
अकोला में जनपद स्तर पर हिन्दू अधिवेशन का आयोजन
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अकोला (महाराष्ट्र) : ग्राहक पंचायत के पदाधिकारी एवं विवेकानंद प्रतिष्ठान के संचालक श्री. सुधाकरराव जकाते द्वारा यह मार्गदर्शन किया गया कि हिन्दू समष्टि भावना से कार्य करें तथा संकुचित बुद्धि एवं दृष्टिकोण का त्याग कर हिन्दू संगठन की शक्ति जागृत करें। अध्यात्म ही हिन्दुओंके जीवन की नींव (मूल आधार) है। सर्व हिन्दुओंको उसका धर्माभिमान होना चाहिए। हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा एक दिन के हिन्दू अधिवेशन में मुख्य वक्ता के रूप में उन्होंने यह वक्तव्य दिया था। अधिवेशन का प्रारंभ शंखध्वनि से किया गया, साथ ही मान्यवरोंने दीपप्रज्वलन कर अधिवेशन का अनावरण किया।
समिति के समन्वयक श्री. श्रीकांत पिसोळकर ने अपने प्रास्तविक में ‘हिन्दू राष्ट्र की स्थापना की आवश्यकता,’ यह विषय प्रस्तुत किया तथा सर्व हिन्दुओंको संगठित होकर एकत्रित कार्य करने की आवश्यकता स्पष्ट की। ह.भ.प. श्री. तुळशीदास महाराज मसने ने बताया कि यदि धर्माचरण किया, तो हिन्दू राष्ट्र स्थापित हो सकता है। केवल हिन्दूनिष्ठोंकी भीड की आवश्यकता नहीं, अपितु आज हिन्दू धर्म की जानकारीवालोंका संगठन आवश्यक है।
अधिवेशन के दूसरे सत्र में ‘लव जिहाद’ की समस्या एवं उस पर उपाय इस विषय पर ‘जानकी सीड्स’ के संचालक श्री. संजय ठाकुर, बजरंग दल के श्री. मयूर मिश्रा, हिन्दू सूर्य सेना आखाडे के अध्यक्ष श्री. अश्विन पांडे तथा कु. निधि बैस ने प्रबोधन किया। तृतीय सत्र में गोमाता संरक्षण कार्य तथा हिन्दुओंपर आनेवाली आपत्तियोंका प्रतिकार करने हेतु उपाययोजना, इस पर प्रबोधन किया गया।
इस अवसर पर ‘लव जिहाद’ तथा हिन्दुओंपर आनेवाली आपत्तियोंको दर्शानेवाली ध्वनिचित्रचक्रिका प्रसारित की गई। साथ ही कार्यक्रमस्थल पर हिन्दुओंपर होनेवाले अत्याचारोंकी प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया था। अधिवेशन के लिए अकोला जनपद तथा तहसील परिसर के १५० युवक तथा हिन्दू धर्माभिमानी उपस्थित थे।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात