मार्गशीर्ष कृष्ण ८, कलियुग वर्ष ५११५
न्यूयॉर्क – यहां १० नवंबरको बांग्लादेशके हिंदू, बौद्ध तथा ईसाई एकता संगठनद्वारा अंतर्राष्ट्रीय परिषद आयोजित की गई थी । इस परिषदमें बांग्लादेशके अल्पसंख्यकोंपर तथा विशेषकर हिंदुओंपर होनेवाले अत्याचारोंके विरुद्ध चिंता व्यक्त की गई ।
१. अगले वर्ष बांग्लादेशमें सार्वजनिक चुनाव होंगे । इस पार्श्वभूमिपर हिंदुओंमें चिंताका वातावरण फैल गया है ।
२. हाल ही में संपन्न नगर परिषदके चुनावोंमें धर्मांधोंके राजनीतिक पक्षोंका वर्चस्व दिखाई दिया ।
३. धर्मांध मतदाताओंको प्रभावित करने हेतु इन पक्षोंका एकमात्र कार्यक्रम होता है, हिंदुओंकी हत्या करना । इसकारण हिंदुओंको निरंतर दहशतकी छायामें रहना पडता है । इस समस्यापर समाधान ढूंढना ही उपर्युक्त परिषदका प्रमुख उद्देश्य था ।
४. परिषदमें हॉटलाईन बांग्लादेश संस्थाकी संचालिका रोजालीन कोस्टा, नेदरलैंडकी मानवाधिकार कार्यकर्त्री जेनी लनडस्ट्रोम, वाशिंग्टनकी हिंदू अमेरिकन फाऊंडेशन संस्थाके जे. कन्सारा, यूरोपियन हिंदू फोरमकी अध्यक्षा श्रीमती टेलर, जस्टिस फॉर हिंदूज संस्थाके प्रशासक विन्सेंट ब्रुनो, स्वीडेनकी राजनीतिक नेत्री श्रीमती मेरी स्पेन्नर तथा परिषदके आयोजक सीतांग्षु गुहा सम्मिलित थे ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात