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साध्वी प्रज्ञासिंग को पंतप्रधान नरेंद्र मोदी से न्याय मिलने की आस !

फाल्गुन कृष्ण पक्ष अष्टमी, कलियुग वर्ष ५११६

१९९३ के मुंबर्इ धमाका मामले में अवैध हथियार रखने के संबंध में शिक्षा काट रहे अभिनेता संजय दत्तको पॅरॉल पर कर्इ बार घर जाने की अनुमती मिलती है; लेकिन साध्वी प्रज्ञासिंग पर रखे आरोप अभी सिद्ध भी नहीं हुए है, फिर भी उन्हें कर्इ वर्षोंसे परिवार के लोगोंको भी मिलने नहीं दिया जाता, यह बात दु:खद है ।

साध्वी प्रज्ञा छह सालों बाद शनिवार को अपनी गंभीर रूप से बीमार मां से मिलने के लिए जेल से बाहर आईं। वह जेल में दी जाने वाली यातनाओं को याद करके रो पड़ीं। साध्वी प्रज्ञा अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इंसाफ की आस लगाई हैं। साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि अगर मोदी भी उनकी मदद नहीं करते तो वह भी राजनाथ हो जाएंगे।

हमारे सहयोगी अखबार ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू के दौरान यह पूछे जाने पर कि क्या वह मोदी से न्याय की उम्मीद रखती हैं, प्रज्ञा ने कहा, ‘मोदी जी एक राष्ट्रवादी व्यक्ति हैं। उन्हें पता है कि भारत में देशभक्त कैसे कष्ट झेल रहे हैं। उन्हें मेरे जैसे लोगों के लिए कुछ जरूर करना चाहिए। अगर वह ऐसा नहीं करते तो जल्दी ही वह भी राजनाथ सिंह जैसे लोगों की श्रेणी में आ जाएंगे।’

दरअसल, बीजेपी जब विपक्ष में थी तब राजनाथ ने उनके लिए इंसाफ की मांग की थी। प्रज्ञा ने कहा, ‘ऐसे बहुत से लोग हैं जो बोलते बहुत कुछ हैं लेकिन सच तो यह है कि उन्हें किसी चीज की परवाह नहीं है।’ प्रज्ञा ठाकुर साल २००८ में हुए मालेगांव ब्लास्ट की मुख्य आरोपी हैं। साल २००८ में राजनाथ सिंह ने उनका बचाव किया था।

राजनाथ ने कहा था, ‘अगर पुलिस के पास हिंदुत्ववादी समूहों के आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के सबूत हैं तो वह इन्हें पेश करे। बिना पर्याप्त सबूत के प्रज्ञा ठाकुर को आतंकवादी कहने की कोई वजह नहीं है।’

प्रज्ञा ने कहा, ‘भारत सरकार की वजह से ही मैंने अपने पिता को खो दिया। वह मेरे साथ होने वाले अत्याचार को बर्दाश्त नहीं कर पाए। अब भारत सरकार मेरी मां को भी मुझसे छीन रही है।’ उन्होंने कहा, ‘अब मेरी मां का आखिरी समय नजदीक है और मुझे उनसे मिलने के लिए सिर्फ एक घंटे का समय दिया गया है।’

स्वामी असीमानंद के एटीएस के सामने यह कबूलने पर कि मालेगांव ब्लास्ट में हिंदुत्ववादी आतंकी शामिल थे, प्रज्ञा ने कहा, ‘किसी भी हिंदू को आतंकवादी नहीं कहा जा सकता। कांग्रेस ने देशभक्तों को आतंकियों का नाम दे दिया था।’ उन्होंने मालेगांव और समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट में अपनी भूमिका के बारे में कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।

शनिवार को प्रज्ञा एक प्राइवेट हॉस्पिटल में अपनी मां से मिलने गईं । उन्होंने कहा, ‘जो लोग न्याय की परिभाषा समझते हैं वह खुद ब खुद आगे आएंगे। हालांकि ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो बेवजह बोलने में यकीन रखते हैं।’

स्त्रोत : नव भारत टाइम्स 

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