फाल्गुन कृष्णपक्ष नवमी, कलियुग वर्ष ५११६
• ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के लेख को वैचारिक रूप से विरोध करने वाले ‘हिन्दू अमेरिका फाऊंडेशन’ का अभिनंदन !
• धर्मपर होने वाले आक्रमणोंके विरुद्ध भारत के हिन्दू आवाज क्यों नहीं उठाते ?
वाशिंग्टन : अमेरिका के राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा ने भारत की धार्मिक असहिष्णुता पर आलोचना की थी। इस का संदर्भ लेकर ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के संपादक ने भारत के ‘घरवापसी’ कार्यक्रम के विषय में टीकात्मक संपादकीय लिखा था। अमेरिका के ‘हिन्दू अमेरिका फाऊंडेशन’ द्वारा इस लेखन को विरोध कर ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के संपादक को ऐसा परामर्श दिया गया है कि ईसाई मिशनरी द्वारा किसी हिंसक पशुसमान चलाया गया धर्मप्रसार एवं धर्मपरिवर्तन को विरोध करें।
‘हिन्दू अमेरिका फाऊंडेशन’ के कार्यकारी संचालक श्री. सुहाग शुक्ल ने कहा कि हम किसी भी धार्मिक स्थल पर होने वाले आक्रमण का विरोध ही करते हैं; परंतु ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ का दोमुंहापन निंदनीय है। उन्हें किसी चर्च पर हुआ आक्रमण दिखाई देता है; परंतु निर्धन एवं अशिक्षित हिन्दुओंका धर्मपरिवर्तन नहीं दिखाई देता।
केवल भारत में ही नहीं, अपितु पूरे विश्व में ईसाई मिशनरियोंने धर्मपरिवर्तन के लिए जो पद्धतियां अपनाई है, उस पर ये समाचार पत्र क्यों नहीं भाष्य करते ? भारतीय संविधान द्वारा दिए गए धार्मिक स्वतंत्रता का अपलाभ इन मिशनरियोंके जितना तो किसीने भी नहीं उठाया होगा !’’
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात