रत्नागिरी एवं सिंधुदुर्ग जनपदमें प्रांतीय हिंदू अधिवेशन में हिंदूनिष्ठोंने किया ‘हिंदू राष्ट्र’ स्थापन करने का निर्धार !

मार्गशीर्ष कृष्ण ७ , कलियुग वर्ष ५११५

रत्नागिरी(महाराष्ट्र) मे प्रांतीय हिंदू अधिवेशन

बायीं ओरसे श्री. मनोज खाडये, ह.भ.प. अभय महाराज सहस्रबुद्धे एवं पू. (कु.) स्वाति खाडये

रत्नागिरी (महाराष्ट्र) : जिस समय महाराष्ट्रमें मुसलमानोंद्वारा हुडदंग मचाया गया था, उस समय छत्रपति शिवाजी महाराजने हिंदवी राज्य स्थापित कर धर्मांध शक्तियोंका नाश किया था । छत्रपति शिवाजी महाराजका यही आदर्श लेकर आज रत्नागिरी एवं सिंधुदुर्ग जनपदके प्रांतीय हिंदू अधिवेशनमें उपस्थित धर्माभिमानी हिंदुओंने भगवान श्रीकृष्णके आशीर्वादसे ‘हिंदू राष्ट्र’ स्थापित करने हेतु संगठित रूपसे कार्य करनेका निश्चय किया । लोकमान्य बाल गंगाधर तिलककी जन्मभूमि एवं स्वातंत्र्यवीर सावरकरकी कर्मभूमि रत्नागिरीमें आज २३ नवंबरसे हिंदू जनजागृति समितिद्वारा आयोजित प्रांतीय हिंदू अधिवेशनका आरंभ हुआ ।

टी.आर.पीके अंबर हॉलमें दो दिवसीय अधिवेशन संपन्न होने जा रहा है । संतोंकी वंदनीय उपस्थितिमें सवेरे १०.३० से दोपहर १२.३० की कालावधिमें इस अधिवेशनका उद्घाटन समारोह   संपन्न हुआ । कार्यक्रमका दीपप्रज्वलन वारकरी-फडकरी दिंडी समाजके ह.भ.प. अभय महाराज सहस्रबुद्धेके शुभहाथों हुआ । इस अवसरपर महाराष्ट्र, कर्नाटक तथा गोवा राज्योंकी प्रसारसेविका सनातनकी पू. (कु.) स्वाति खाडये एवं हिंदू जनजागृति समितिके पश्चिम महाराष्ट्रके प्रसार समन्वयक श्री. मनोज खाडये उपस्थित थे । इस अधिवेशनमें १०० हिंदूनिष्ठ उपस्थित थे ।

इस अधिवेशनका आरंभ शंखनादसे हुआ । तत्पश्चात पुरोहित सर्वश्री भार्गव वजे एवं आत्माराम सहस्रबुद्धेने वेदमंत्रपठन किया । ६३ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त सनातनकी साधिका श्रीमती पल्लवी लांजेकरने सनातन संस्थाके संस्थापक प.पू.डॉ. आठवलेद्वारा प्रांतीय हिंदू अधिवेशनके लिए भेजे संदेशका पठन किया ।

धर्मप्रसार करने हेतु यदि कोई रोके, तो उसका प्रतिकार करना चाहिए ! – ह.भ.प. अभय महाराज सहस्रबुद्धे

अपने कीर्तनकार तथा प्रवचनकार वातावरण देखकर प्रवचन करते हैं । समाजमें चाहे वैâसा भी वातावरण हो, यदि धर्मके प्रसारके लिए कोई रोकता है, तो उसका प्रतिकार करना चाहिए । बिना किसीकी परवाहके राष्ट्र एवं धर्मके संदर्भमें अपने विचार स्पष्ट रूपसे प्रस्तुत करने चाहिए । धर्मद्वेषी लोग हिंदुओंमें जातीयद्वेष उत्पन्न करनेका प्रयास कर रहे हैं । जातीय द्वेषियोंका षडयंत्र स्पष्ट रूपसे सार्वजनिक करना चाहिए । यदि धर्मकार्यमें निर्भय रूपसे तनिक भी भाग लिया, तो ही धर्माधिष्ठित राष्ट्र स्थापित होगा ।

भगवान श्रीकृष्ण ‘हिंदू राष्ट्र’ लाएंगे, इस बातपर हमारा दृढ विश्वास है !- पू. (कु.) स्वाति खाडये

वर्तमान समयमें राजनेता हिंदुओंके मंदिरका पैसा हिंदू धर्मके प्रसारके लिए उपयोग करनेके स्थानपर मुसलमानोंके तुष्टीकरणके लिए प्रयुक्त कर रहे हैं । भ्रष्टाचारसे देश खोखला हो गया है । प्रसिद्धिमाध्यम हिंदू धर्मके विरुद्ध प्रचार कर रहे हैं । धर्मपर होनेवाले सभी आघातोंपर ‘हिंदू राष्ट्र’ स्थापित करना अनिवार्य है । सनातन संस्थाका दृढ विश्वास है कि भगवान श्रीकृष्ण ‘हिंदू राष्ट्र’ लाएंगे । सभी हिंदुओंद्वारा संगठित होकर कार्य किया गया, तो ‘हिंदू राष्ट्र’ दूर नहीं है ।

‘हिंदू राष्ट्र’ कोई चढावेके रूपमें नहीं देगा, अपितु उसके लिए संघर्ष करना ही पडेगा ! – मनोज खाडये

राष्ट्र एवं धर्मके लिए सर्वस्वका त्याग करना चाहिए इसका आदर्श उत्पन्न करनेवाले स्वामी विवेकानंदका यह १५० वां जयंती वर्ष है । इस दृष्टिसे कार्य करना ही उनकी जयंती वर्षके निमित्त किया गया वास्तविक संकल्प है । हमें व्यक्तिनिष्ठ तथा पक्षनिष्ठ नहीं, अपितु तत्त्वनिष्ठ होना चाहिए । कोई हमें ‘हिंदू राष्ट्र’ चढावेके रूपमें नहीं देगा । उसे प्राप्त करने हेतु संघर्ष करना पडेगा । इस संघर्षका बीज बोनेका कार्य इस अधिवेशनमें हो रहा है । आगामी शीतकालीन अधिवेशनमें हिंदुओंकी धार्मिक स्वातंत्र्यपर आघात करनेवाला जादूटोना कानून पारित होनेवाला है । इस कानूनविरोधी आंदोलनमें हमें सम्मिलित होना चाहिए । हिंदू अधिवेशन हिंदू राष्ट्र की नींव है । इसपर कलश चढाने हेतु सभी हिंदू धर्माभिमानियोंको लगनसे कार्य करना चाहिए ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

Leave a Comment

Notice : The source URLs cited in the news/article might be only valid on the date the news/article was published. Most of them may become invalid from a day to a few months later. When a URL fails to work, you may go to the top level of the sources website and search for the news/article.

Disclaimer : The news/article published are collected from various sources and responsibility of news/article lies solely on the source itself. Hindu Janajagruti Samiti (HJS) or its website is not in anyway connected nor it is responsible for the news/article content presented here. ​Opinions expressed in this article are the authors personal opinions. Information, facts or opinions shared by the Author do not reflect the views of HJS and HJS is not responsible or liable for the same. The Author is responsible for accuracy, completeness, suitability and validity of any information in this article. ​