मुसलमानोंपर होनेवाले कथित अत्याचारोंकी जानकारी देनेवाले हिंदू द्वेषी प्रसारमाध्यम हिंदुओंपर होनेवाले आक्रमणोंकी जानकारी नहीं देते !
बांगलादेशके हिंदुओंपर होनेवाले अत्याचारोंकी जानकारी देने हेतु वार्ताकार परिषद
ढाका : ‘बांगलादेश माइनॉरिटी वाच,’ `बांगलादेश मानवाधिकार केंद्र’ तथा ‘जागतिक मानवाधिकार रक्षा’, इन संस्थाओंकी ओरसे बांगलादेश स्थित हिंदुओंपर होनेवाले अत्याचारोंकी जानकारी देने तथा उनपर उपाययोजना करने हेतु प्रशासनसे मांग करने हेतु २१ नवंबरको यहां वार्ताकार परिषदका आयोजन किया गया था । इस परिषदको बांगलादेश माइनॉरिटी वाचके अध्यक्ष अधिवक्ता रवींद्र घोष, बांगलादेश मानवाधिकार केंद्रके महबूल हक, स्वतंत्रता सेनानी मनोरंजन घोषाल तथा नागरी हक परिषदके तुषार रहमान ने संबोधित किया । आरंभमें वार्ताकारोंके सामने बांगलादेशके हिंदुओंपर होनेवाले अत्याचारोंके प्रत्यक्ष प्रमाण तथा दस्तावेज पत्रकारोंके सामने प्रस्तुत किए गए ।
१. आयोजकोंके प्रस्तुत प्रमाणानुसार वर्ष २००९ से २०१३ की कालावधिमें हिंदुओंके सैकडों घर एवं आस्थापन लूटकर उनमें आग लगाई गई ।
२. अनेक मंदिर तथा धार्मिक स्थानोंकी हानि कर उनकी सात्त्विकता नष्ट की गई तथा उनमें आग लगाई गई ।
३. ७२ हिंदू महिलाओंके साथ बलात्कार हुए, तथा ५० से अधिक महिला एवं बालकोंका अपहरण किया गया ।
४. एक सहस्रसे अधिक हिंदुओंकी भूमि, घर जैसी संपत्ति बलपूर्वक नियंत्रणमें लेकर उन्हें दर-दरकी ठोकरें खानेपर विवश किया ।
५. दो सौ से अधिक हिंदुओंका बलपूर्वक धर्मांतर किया गया ।
६. इन सारी घटनाओंमें अंतर्भूत अपराधियोंके विरुद्ध पुलिसके पास नामसमेत परिवाद करनेपर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई, आयोजकोंने ऐसा बताया ।
७. बांगलादेशके स्वतंत्रता संग्राममें सहभागी होकर भी हिंदुओंके साथ होनेवाला बर्ताव प्रशासन हेतु लज्जास्पद है ।
८. इसपर आयोजकोंने उपाय हेतु ऊपर निर्देशित अत्याचार उच्च न्यायालयके न्यायमूर्तिकी अध्यक्षतामें स्थापित समिति द्वारा पूछताछ होकर अपराधियोंको कठोर दंड हो, अल्पसंख्यक मानवाधिकार आयोग स्थापित हो, आदि १४ मांगें की हैं ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात