फाल्गुन कृष्णपक्ष चतुर्दशी/अमावास्या, कलियुग वर्ष ५११६
हिन्दू जनजागृति समिति का ओडिशा राज्य में धर्मप्रसार का कार्य : जनवरी २०१५
१. सनातन पंचांग के वितरण को प्राप्त प्रतिसाद : ‘ओडिशा राज्य में वर्ष २०१५ की उडिया, हिन्दी एवं अंग्रेजी भाषा में ‘सनातन पंचांग’ का वितरण किया गया। इसे अच्छा प्रतिसाद मिला। अनेक लोगोंने भ्रमणभाष कर उडिया भाषा के पंचांग की मांग की।
२. उडिया भाषा में ‘सनातन पंचांग’ की ‘एंड्रॉइड’ प्रणाली के ‘ऐप’ के गौडीया संप्रदाय के ब्रह्मचारी बन्सीवदन दास के शुभ हाथों लोकार्पण ! : दि.१२.१.२०१५ को पुरी के गौडीया संप्रदाय के ‘जयश्री दामोदर गौडीया मठ’ में ‘सनातन पंचांग’ की ‘एंड्रॉइड’ प्रणाली के ‘ऐप’ का लोकार्पण उडिया भाषा में गौडीया संप्रदाय के ब्रह्मचारी बन्सीवदन दास के शुभ हाथों किया गया। इस अवसर पर ब्रह्मचारी बन्सीवदन ने कहा कि पंचांग में दिए गए धर्माचरण एवं धर्मजागृति से संबंधित सूत्र हिन्दुओंके लिए प्रेरणादायी हैं। हिन्दू जनजागृति समिति तथा सनातन संस्था द्वारा किया जानेवाला धर्मजागृति का कार्य महत्त्वपूर्ण है तथा इस कार्य में सभी दृाष्टि से हमारा सहयोग रहेगा।
३. गौडीया मठ के ब्रह्मचारी उत्तम कृष्ण दास गौडीया संप्रदाय द्वारा प्रकाशित ‘धर्म’ विषय पर ४६ ग्रंथ अध्यात्म विश्वविद्यालय को भेंट रूप में देना : गोवा में होनेवाले प्रस्तावित विश्वविद्यालय का स्वरूप, उद्देश्य एवं कार्य देखकर पुरी के गौडीया संप्रदाय के जयश्री दामोदर गौडीया मठ के ब्रह्मचारी उत्तम कृष्ण दास ने गौडीया संप्रदाय द्वारा प्रकाशित ‘धर्म’ विषय पर ४६ ग्रंथ अध्यात्म विश्वविद्यालय को भेंट रूप में दिए। इस अवसर पर सनातन संस्था द्वारा प्रकाशित उडिया भाषा में धर्मविषयक ग्रंथ गौडीया मठ को भेंट रूप में दिया गया।
४. सनातन संस्था की पू. (श्रीमती) अंजली गाडगील एवं साधक के संशोधक गुट द्वारा ओडिशा राज्य की यात्रा ! : सनातन संस्था की पू. (श्रीमती) अंजली गाडगील एवं उनके साथ चार साधकोंका एक संशोधन गुट भारतभर के आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक दृष्टिसे महत्त्वपूर्ण स्थान, मंदिर तथा आश्रम इत्यादि के संदर्भ में संशोधन के लिए पिछले ६ माह से (महीने से) यात्रा पर है। जनवरी २०१५ में इस गुट ने लगभग तीन सप्ताह ओडिशा राज्य की यात्रा की।
इस अवसर पर उन्होंने भुवनेश्वर, कटक, पुरी, अलारनाथ, साक्षी गोपाल, काकतपुर, कोणार्क, चिलीका, गोनासिका, जाजपुर, बालेश्वर, घटागाव इत्यादि स्थान के मंदिर, मठ, आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक केंद्रोंका भ्रमण किया तथा इन स्थलोंके संदर्भ में विविध पहलुओंका अभ्यास कर उन का ध्वनि-चित्रीकरण एवं ध्वनिमुद्रण किया। ओडिशा में उन्होंने पारंपारिक नृत्य, नाट्य, चित्रकला, मूर्तिकला इत्यादि के संदर्भ में भी अनेक स्थानोंका भ्रमण कर संग्रह हेतु वहां की जानकारी, ग्रंथ, ध्वनि-चित्रचक्रिकाएं तथा छायाचित्र इत्यादि क्रय किए।
इस यात्रा के समय मंदिरोंके पुजारी, व्यवस्थापक, कलाकार, संगठन, धर्माभिमानी, इस प्रकार लगभग ७० से अधिक व्यक्तियोंसे संपर्क हुआ। उन्हें सनातन संस्था एवं हिन्दू जानजागृति समिति के कार्य का परिचय करा कर सनातन पंचांग २०१५ तथा संस्था एवं समिति का सूचनापत्रक दिया गया। इस में अनेक लोगोंने कार्य में सहयोग करने की इच्छा व्यक्त की।
– श्री. प्रकाश मालोंडकर, राऊलकेला, ओडिशा. (६.२.२०१५)