मार्गशीर्ष कृष्ण ११ , कलियुग वर्ष ५११५
पुणे के साधकों द्वारा जगद्गुरु शंकराचार्यको भावपूर्ण बिदाई
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पुणे (वार्ता.) – मुंबई, पुणे तथा गोवाकी विशाल धर्मसभा एवं विविध कार्यक्रमोंमें उपस्थित रहकर, जिज्ञासु, साधक तथा हितचिंतकोंको भावपूर्ण मार्गदर्शन, दर्शन एवं आद्य शंकराचार्यकी परंपरागत प्राप्त पादुकाओंका दर्शन समारोहके पश्चात पूर्वाम्नाय श्रीगोवर्धनमठ-पुरीपीठाधीश्वर श्रीमत जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज, उनके निजी सचिव स्वामी निर्विकल्पानंद सरस्वतीजी महाराज, पुरी पीठ परिषदके उपाध्यक्ष आचार्य जम्मन शास्त्रीजी तथा अन्य शिष्योंने २८ नवंबरको शाम ७.३५ बजे पुणे-सिकंदराबाद एक्स्प्रेससे आंध्रप्रदेशकी ओर प्रस्थान किया ।
शंकराचार्यजीने दिनभर निवासस्थानपर प्रतिष्ठित, हितचिंतक तथा साधकोंसे वार्तालाप किया । तथा दोपहर २.३० बजे सनातनके साधक तथा हिंदू जनजागृति समितिके कार्यकर्ताओंसे औपचारिक चर्चा कर अमूल्य मार्गदर्शन किया । पुणे निवासस्थानसे जगद्गुरु शंकराचार्य संध्या ५.३० बजे निकले । अपने निवासकक्षसे बाहर निकलकर शंकराचार्यजीने नमस्कारकी मुद्रामें उनका दर्शन करनेवाले सनातनके साधक तथा हिंदू जनजागृति समितिके कार्यकर्ताओंकी ओर देखकर दोनों हाथ उठाकर आशीर्वाद दिया । तदुपरांत सवारीमें बैठकर रेलस्थानककी ओर जाने हेतु निकले । इस अवसरपर सनातनकी पू.(कु.) स्वाती खाड्ये, हिंदू जनजागृति समितिके महाराष्ट्र, गोवा तथा कर्नाटक राज्यके प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे, हिंदू जनजागृति समितिके समन्वयक श्री. सुनील घनवट, सनातन संस्थाकी ६६ प्रतिशत अध्यात्मिक स्तर प्राप्त श्रीमती राजश्री खोल्लम आदि उपस्थित थे ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात