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पुणेकी विशाल धर्मसभाके कुछ विशेष क्षण !

मार्गशीर्ष कृष्ण १२ , कलियुग वर्ष ५११५ 

नेपाल स्थित मुसलमानों जैसे भारत स्थित हिंदू भी हिंदू राष्ट्रकी मांग करें ! – आचार्य जम्मन शास्त्रीजी, पीठ परिषदके उपाध्यक्ष


भारत धर्मप्रधान देश है । हिंदुओंके श्रद्धास्थानोंपर होनेवाले आक्रमण रोकने आवश्यक हैं, इस हेतु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वतीजी पूरे भारतकी यात्रा कर रहे हैं । देशकी एकता एवं अखंडता हेतु शंकराचार्यजी प्रयास कर रहे हैं । शंकराचार्यजीके मार्गदर्शनके पश्चात नेपाल स्थित हिंदुओंके साथ मुसलमानोंने भी नेपालको हिंदू राष्ट्र घोषित करनेकी मांग की है । यदि नेपाल स्थित मुसलमान हिंदू राष्ट्र स्थापित करनेकी मांग कर सकते हैं, तो भारत स्थित हिंदू , हिंदू राष्ट्र स्थापित करनेकी मांग क्यों नहीं करते ? हिंदुओंको हिंदू राष्ट्र स्थापित करनेकी मांग करनी चाहिए।

समितिके कार्यकर्ताओंके साथ अनौपचारिक चर्चा करते हुए स्वामीजी निर्विकल्पानंद सरस्वतीजीने  कहा, मुंबई, गोवा तथा पुणे, तीनों स्थानोंपर धर्मसभाओंका अच्छा आयोजन हुआ था । सारा नियोजन आस्थापूर्वक तथा श्रद्धासे किया गया था । साधक सब श्रद्धासे करते हैं । हम प्रसन्न हैं ।

१. सभामें कांची कामकोटी पीठके शंकराचार्य स्वामी जयेंद्र सरस्वती तथा उनके उत्तराधिकारी विजयेंद्र सरस्वतीजी के साथ २४ व्यक्तियोंको न्यायालयने शंकररमन हत्या घटनासे निर्दोष मुक्त किया है, श्री. रमेश शिंदेकी सभामें यह शुभवार्ता घोषित करते ही उपस्थित लोगोंने तालियां बजाकर आनंद व्यक्त किया ।

२. तिरुपति स्थित इस्लामिक विश्वविद्यालय भवनके अवैध ६ तल्ले गिरानेका आदेश वहांके प्रशासनने दिया है । तिरुपति स्थित हिंदुओंके तीर्थक्षेत्रके स्थानपर इस्लामिक विश्वविद्यालय स्थापित न हो इस हेतु हिंदू जनजागृति समितिकी ओरसे २० दिसंबरको व्यापक आंदोलन छेडा जाएगा, श्री. रमेश शिंदेने ऐसी जानकारी दी ।

शंकराचार्यजीके कठोर वचन !

१. यदि हिंदू नित्य सत्यका पक्ष लेते, तो संपूर्ण विश्वपर अपना प्रशासन होता !
२. केवल भौतिकवाद माननेवालोंको भगवान श्रीकृष्णने शाप दिया है । भौतिकवादी व्यक्ति, जो करना था, वह कर चुका, अब करनेको कुछ बचा नहीं, ऐसा प्रामाणिकतासे कह नहीं सकता; किंतु जो करना था, वह न कर सका, जो प्राप्त करना था, वह न कर सका, जो जानना था, वह न जान सका ऐसी ही उनकी भावना रहती है ।

क्षणिकाएं

१. सभास्थलपर ‘श्रीराम जय राम जय जय राम’, का नामजप लगाया गया था ।

२. सभास्थानपर जगद्गुरु शंकराचार्यजीका आगमन होते ही `आर्य सनातन वैदिक हिंदू धर्मकी जय हो’, ‘जयतु जयतु हिन्दुराष्ट्रम्’, की घोषणाओंसे पूरा मैदान परिसर गूंज उठा ।

३. सनातनके साधक तथा हिंदू जनजागृति समितिके कार्यकर्ताओंने पारंपरिक वेषभूषा परिधान की थी ।

सभा हेतु पुलिसका सहयोग

सभास्थलपर २ पुलिस निरीक्षक, १० पुलिस उपनिरीक्षक, ४० पुलिस तथा १ दंगाविरोधी दल, ऐसा पुलिस नियंत्रण नियुक्त किया गया था ।

सनातन संस्थाद्वारा विशाल समारोह आयोजित करनेपर संस्थाका उत्कर्ष हो, ऐसा जगद्गुरु शंकराचार्यजीका आशीर्वाद !

सभामें मार्गदर्शन करते हुए आरंभमें ही जगद्गुरु शंकराचार्यजीने कहा, सनातन संस्थाके मुंबई, गोवा तथा पुणेमें विशाल कार्यक्रम आयोजित करनेसे अद्भूत उत्साह उत्पन्न हुआ है । इस संस्थाका उत्कर्ष हो, ऐसी मैं ईश्वरचरणोंमें प्रार्थना करता हूं ।

धर्मसभा हेतु प.पू. श्रीकृष्ण कर्वे गुरुजीके शुभाशीर्वाद !


प.पू. श्रीकृष्ण कर्वे गुरुजी वर्तमानमें अमेरिकामें हैं, अत: वे पुणेमें आयोजित शंकराचार्यजीकी धर्मसभा हेतु उपस्थित नहीं हो सकते थे । उन्होंने अमेरिकासे धर्मसभा हेतु शुभाशीर्वाद दिए ।

वर्षा होने जैसा वातावरण होकर भी धर्मसभाके दिन वर्षा नहीं हुई !

विशाल धर्मसभाके दो दिन पूर्व पुणेमें वर्षा हुई । वर्षासे धर्मसभामें बाधा न हो तथा धर्मसभा निर्विघ्न संपन्न हो, इस हेतु प.पू. श्रीकृष्ण कर्वे गुरुजीने शनिवार पेठ स्थित श्री विष्णु मंदिरमें जाकर प्रार्थना कर नारियल तोडनेको कहा था । साधकोंने उनके बताए उपाय भी किए । धर्मसंस्थापक भगवान श्रीकृष्ण तथा वरुणदेवता की कृपासे सभाके दिन वर्षाकालीन वातावरण नहीं था तथा सभामें ७ सहस्रसे अधिक हिंदुओंकी उपास्थिति प्राप्त हुई ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात 

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