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शिवमोग्गा (कर्नाटक) हिंसा मामला : विश्वनाथ शेट्टी की हत्या के संदर्भ में एक जिहादी गिरफ्तार

कुंदापुर (कर्नाटक) – शिवमोग्गा शहर पुलिस ने शनिवार के दिन विश्वनाथ शेट्टी हत्याके संदर्भ में संदेहित आरोपी को बंदी बनाया । बंदी बनाए गए धर्मांध का नाम हनीफ कोडी(आयु ३० वर्ष) है । वह कुंदापुर का निवासी है । पुलिस कोइस बात का पता चला है कि हनीफ कोडी इससेपूर्व भी एक जातीय हिंसा में सम्मिलित था । विश्वनाथ शेट्टीकी हत्या के समय उडुपी में पंजीकृत लाल रंग के चार  पहिएवाले वाहन का उपयोग किए जाने की सूचना पुलिस को प्राप्त हुई; इसीलिए पुलिस ने यह कार्रवाई की ।

विहिंप का ‘शिवमोग्गा बंद’ सफल !

धर्मांधों ने हिन्दुओं की हत्या कर हिंसा करने का प्रयास किया । उस का निषेध करने हेतु विहिंप द्वारा २१ फरवरी को आयोजित ‘शिवमोग्गा बंद’सफल हुआ । उस दिन शहर के चिकित्सालय तथा औषधों की दुकानें,इन अत्यावश्यक सेवाओं केअतिरिवत अन्य सर्व आस्थापन प्रातःकाल से ही बंद रखे गए थे ।  शहर का परिवहन भी बंद रखा गया था । इस के अतिरिक्त भाजपा के नेता तथा कर्नाटक के विधान परिषद के विरोधी दल नेता नायक ईश्वरप्पा के नेतृत्व में आंदोलन कर इस हिंसा के लिए उत्तरदायी लोगों को त्वरित बंदी बनाने की मांग की । (यह अपेक्षित है कि कर्नाटक के भाजपा तथा विहिंप केंद्र के सत्ताधारी भाजपा को अपराधियों पर कार्रवाई करने के लिए विवश करें चाहिए ! – संपादक,दैनिक सनातन प्रभात)


 

अद्ययावत

२३ फरवरी २०१५

शिवमोग्गा (कर्नाटक) : जिहादीयोंद्वारा निरंतर दूसरे दिन भी दो हिन्दुओं की हत्या

  • कर्नाटक की कांग्रेस के कार्यकाल में हिन्दू असुरक्षित !

  • हिंदुओ और कितने हिंदुओं की बलि चढने पर आप जागृत होंगे ?

dharmandhदेहली में ईसाईयों के धार्मिक स्थलों पर आक्रमण की बढती  घटनाओं के पश्चात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देहली के पुलिस  आयुक्त को आमंत्रित कर उन्हें अपराधियों पर कार्यवाही करने की सूचनाएं दी गई थीं । इसके अनुसार कर्नाटक में ३ हिन्दुओं की हत्या के उपरांत भी क्या मोदी इस पर ध्यान देकर कर्नाटक शासन एवं पुलिस को धर्मांधों पर कार्यवाही करने का आदेश देंगे ?

यहां धर्मांधों ने निरंतर दूसरे दिन भी २ हिन्दुओं की हत्या की, जिन के नाम मंजूनाथ एवं मंजप्पा हैं । वे क्रमशः माqल्लकार्जुन नगर एवं टीपूनगर के निवासी थे । शिवजयंती के दिन (१९ फरवरी ) ‘पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ संगठन के धर्माधों द्वारा संगठन के स्थापना दिवस के निमित्त निकाली फेरी के अवसर पर पाकिस्तान के समर्थनार्थ एवं संंघ तथा मोदी के विरुद्ध घोषणाएं दीं । संघ स्वयंसेवकों के साथ हिन्दुओं ने इसका विरोध किया । इस का प्रतिशोध लेते हुए धर्मांधों ने एक संघ स्वयंसेवक की हत्या कर दी तथा इस के पश्चात दंगा मचाया । इसमें उन्होंने हिन्दुओं की संपत्ति की अपरिमित हानि की । इस घटना के उपरांत पुलिस ने नगर में संचारबंदी लागू की थी ।

१. धर्मांधों ने गोंदीचण्णल्ली में २० फरवरी को रात्रि काम होने पर घर वापस आनेवाले पशुवैद्यकीय अधिकारी पर आक्रमण किया । शिवमोग्गा के मेग्गान शासकीय रुग्णालय में उनका उपचार चल रहा है ।

२. धर्मांधों ने मंजूनाथ पर आक्रमण कर उन की हत्या की । इसके अतिरिक्त मंजप्पा पर छूरी से आक्रमण कर उन की भी हत्या की ।

३. इस के अतिरिक्त धर्मांधों ने १५ से अधिक हिन्दुओं पर  आक्रमण किया  ।

४. इस प्रकरण में पुलिस ने १०७ लोगों को बंदी बनाया, जिसमें ऐसे ३० हिन्दुओं का समावेश है; जिन का इस घटना से कुछ संंबंध नहीं है ।

५. शिवमोग्गा की घटना के उपरांत ‘पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ के बेंगलुरू में होनेवाले कार्यक्रम को अनुमति नहीं दी गई है ।

कर्नाटक शासन का हिन्दुुद्वेष !

शिवजयंती के दिन हुई घटना के पश्चात भाजपा एवं विहिंप ने २१ फरवरी को ‘शिवमोग्गा बंद’ की पुकार दी थी । बंद के दरम्यान भाजपा ने आंदोलन किया; परंतु विहिंप एवं अन्य हिन्दुनिष्ठ संगठनों के आंदोलन करने की अनुमति अस्वीकार कर दी गई है । इसके आगे जाकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने ऐसी चेतावनी दी है कि यदि कुछ अनुचित घटना घटी, तो बंद रखनेवालों को ही उत्तरदायी सिद्ध किया जाएगा ।


२१ फरवरी २०१५, फाल्गुन शुक्ल पक्ष तृतीया, कलियुग वर्ष ५११६

शिवमोग्गा (कर्नाटक) में जिहादीयोंद्वारा फैली हिंसा, आरएसएसएस कार्यकर्ता की हत्या

  • १५ वर्षों में हत्या होनेवाला १२८ वां हिन्दुनिष्ठ

  • धर्मांधों द्वारा पाकिस्तान की जयजयकार की घोषणाएं

  • विरोध करनेवाले हिन्दुओं के दुपहिये एवं रिक्शे जलाए गए

  • ५ नागरिकों को बंदी बनाया गया; भाजपा एवं विहिंप द्वारा आज ‘शिवमोग्गा बंद

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शिवमोग्गा (कर्नाटक) : बेंगलुरु से २७५ किलोमीटर दूर शिमोगा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों पर जानलेवा  हमला किया गया। पुलिस के अनुसार  पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के  कार्यकर्ताओं ने हमला बोला। इस हमले में बाइक सवार स्वयंसेवक​ विश्वनाथन  का निधन हो  गया, जबकि दो अन्य गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं।

पीएफआई के कार्यकर्ताओं ने आरएसएस​ के विरुद्ध ​नारेबाजी​ करते हुए यह हमला किया। बताया जा रहा है कि यह पीएफआई कार्यकर्ता एक रैली में भाग लेने आये थे और एक चौक पर पहुंचकर संघ के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। नारेबाजी के बाद  ​हुई हिंसा​ में घरों, गाड़ियों और १५ दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया। मोटर साइकिल पर जा रहे लोगों पर हमला कर दिया।

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पुलिस ने इलाके में धारा १४४ लगा दी है। ताजा खबरों के मुताबिक, पुलिस ने मंगलौर और केरल से आए पीएफआई कार्यकर्ताओं को वापस लौटने के लिये कह दिया है। ​​शिवप्पा सर्कल के पास भीड़ हटाने के लिये पुलिस को लाठीचार्ज का भी सहारा लेना पड़ा, साथ ही हवा में आंसू गैस के ६ गोले भी छोड़े गए। प्रशासन ने स्कूल और कॉलेज बंद रखने का फैसला किया है।

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आज पीएफआई का स्थापना दिवस था, जिसमें उन्होंने रैली एकता यात्रा का आयोजन किया था। यह यात्रा जैसे ही ​शिवप्पा सर्कल के पास पहुंची पीएफआई के कार्यकर्ताओं ने रोड के साइड में पार्क हुए वाहनों पर पत्थर फैंकने शुरू कर दिए। पुलिस को हिंसा पर काबू करने के लिए लाठी चार्ज करना पड़ा तथा कल रात से धारा १४४ लगा दी गई हैं।​

स्त्रोत: नवभारत टाइम्स

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