पी.पी.एस्. नायर, केरलीय क्षेत्र परिपालन समिति
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प्रस्तावना
मंदिर सरकारीकरण यह हिंदु धर्मपर बडा आक्रमण है । अनेक बार आंदोलन एवं निवेदन देनेके उपरांत भी विधर्मी सरकार हिंदुओंकी भावनाओंको पैरोंतले रौंदनेका महापाप कर रही है । इसीलिए समस्त हिंदुओं अर्थात प्रत्येक हिंदुत्वनिष्ठको अपने विचारोंसे इस अन्यायके विरोधमें लडनेका आवाहन किया गया है ।
मंदिर अधिग्रहणके विरोधमें हिंदुओंको लडनेकी आवश्यकता ! – पी.पी.एस्. नायर, केरलीय क्षेत्र परिपालन समिति
केरलीय क्षेत्र परिपालन समितिके मुंबईके सदस्य पी.पी. एस्. नायरने कहा, ‘‘हिंदु संस्कृति एवं धर्मपर वर्ष १९४७ से पूर्वतक विदेशियोंके आक्रमण हो रहे थे; परंतु स्वतंत्रताके उपरांत स्वदेशियोंके आक्रमण आरंभ हो गए । उनमेंसे एक आक्रमण है मंदिर सरकारीकरण कानून । यह कानून लानेके लिए वर्ष २००४ में प्रयास आरंभ हो गए थे । तदुपरांत हिंदुओंके निरंतर विरोधके कारण, इस कानूनको सरकारने एक ओर रख दिया । अब मंदिरोंमें बढती चोरियोंकी पार्श्वभूमिपर शासन पुन: हिंदुओंके मंदिर अपने नियंत्रणमें लेनेकी तैयारी कर रहा है । इस माध्यमसे मंदिर अपने नियंत्रणमें लेकर हिंदु संस्कृतिका नाश करनेवालोंके विरोधमें हिंदुओंको लढनेकी आवश्यकता है ।’’