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बांग्लादेश में हिन्दुओंके न्याय एवं अधिकारोंके लिए लडनेवाले अधिवक्ता रवींद्र घोष को महिला संसद सदस्या की ओर से धमकी

फाल्गुन शुक्लपक्ष षष्ठी, कलियुग वर्ष ५११६

आतंकवाद की पार्श्वभूमि पर विश्व के ज्यू लोगोंको इस्रायल में आने के लिए कहनेवाले शासन के अनुसार भारत के मोदी शासन से यह अपेक्षित है कि वे भी विश्व में स्थित हिन्दुओंकी रक्षा करें !

‘बांग्लादेश माइनॉरिटी वॉच’ के संस्थापक अध्यक्ष अधिवक्ता रवींद्र घोष

ढाका (बांग्लादेश) : गेबांध की महिला संसद सदस्या महबूब अरा बेगम ने ‘बांग्लादेश माइनॉरिटी वॉच’ के संस्थापक अध्यक्ष अधिवक्ता रवींद्र घोष को धमकी दी है कि बांग्लादेश के गेबांध जनपद में अल्पसंख्यकोंपर हुए अत्याचार के संदर्भ में जानकारी प्राप्त करने के प्रयास त्वरित रोकें। (हिन्दुओ, यह बात ध्यान में रखें कि बांग्लादेश में मुसलमान महिला राजनेता भी हिन्दुओंसे कितनी घृणा करती हैं ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

बांग्लादेश की संसद सदस्या महबूब अरा बेगम

१. बांग्लादेश के गेबांध जनपद में सावित्री रानी तथा उसके परिवार को निरंतर पीडा पहुंचाई जाती थी। यह समाचार ७ फरवरी २०१५ के राष्ट्रीय दैनिक ‘जनकांथ’ में प्रकाशित किया गया था।

२. इस समाचार के अनुसार गुलाम मुस्तफा तथा उसकी पत्नी सोनतो बेगम ने ४ फरवरी २०१५ को सावित्री रानी के पास जिझिया कर के लिए १ लक्ष रुपए की मांग की।

३. साथ ही यह धमकी दी कि यदि धन नहीं दिया, तो घर छोडकर जाना पडेगा। सावित्री रानी द्वारा धन देने से अस्वीकार करने के कारण धर्मांधोंने उनके घर आक्रमण किया। घर की वस्तुओंकी तोडफोड की।

४. इस आक्रमण के समय धर्मांधोंने सावित्री रानी तथा उसके परिवार को गंभीर रूप से घायल किया, साथ ही उनके मंदिर पर आक्रमण कर देवताओंकी प्रतिमाएं भी तोड दीं।

५. इस आक्रमण के पश्चात पुलिस ने धर्मांध आरोपी के विरुद्ध कुछ भी कार्रवाई नहीं की। पीडित हिन्दू परिवार को न्याय प्राप्त करवा कर देने के लिए अधिवक्ता रवींद्र घोष ने इस विषय में रुचि दिखाई।

६. घोष ने गेबांध पुलिस थाने से संपर्क कर आरोपी के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की। उन्होंने स्थानीय संसद सदस्य महबूब अरा बेगम गिनी से भ्रमणभाष पर संपर्क किया तथा उन्हें हिन्दू परिवार पर हुए अत्याचार के संदर्भ में जानकारी दी।

७. जब समाचारपत्रिका में प्रकाशित किए गए समाचार के संदर्भ में उन्होंने गिनी को बताया, तो गिनी घोष ने उन पर ही क्रोध व्यक्त किया। क्रोधित होकर उन्होंने बताया कि ‘आप हिन्दुओंकी समस्या के संदर्भ में क्यों वक्तव्य देते हैं ? हिन्दुओंको मुसलमानोंके विरुद्ध प्रक्षोभित करने के प्रयास न करें। मेरे मतदातासंघ में प्रवेश न करें।’

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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