फाल्गुन शुक्ल पक्ष सप्तमी, कलियुग वर्ष ५११६
नई दिल्ली: सरकार साल २०११ की जनगणना के आधार पर जनसंख्या के धार्मिक आंकड़े संभवत: जारी नहीं करेगी। लेकिन हाल ही में सरकार ने एक प्रेजेंटेशन में इस बात का खुलासा किया है कि भारत में मुस्लिमों की कुल संख्या यहां रहने वाली कुल जनसंख्या के १४.८८ फीसद यानी करीब १८ करोड़ है। इस प्रेजेंटेशन में कहा गया कि मुस्लिमों की बड़ी आबादी होने की बावजूद भी बमुश्किल ही किसी भारतीय के वैश्विक आतंकी इस्लामिक संगठन में शामिल होने का मामला सामने आया है।
अंग्रेजी अखबार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की खबर के मुताबिक, ये प्रेजेंटेशन व्हॉइट हाउस में आयोजित एक समिट के दौरान दी गई थी। इस प्रेजेंटेशन को ज्वॉइंट इंटेलिजेंस कमेटी के चीफ आरएन रवि ने यूएस प्रतिनिधि मंडल के सामने पेश किया। इस समिट में ६० देशों के प्रतिनिधि शामिल थे। प्रेजेंटेशन में कहा गया कि भारत में अल्पसंख्यकों के साथ बुरा व्यवहार नहीं किया जाता है। विश्व में अल्पसंख्यकों की कुल संख्या करीब २६ करोड़ है, जो कि भारत की कुल जनसंख्या का २१ फीसदी है। भारत में १८ करोड़ से ज्यादा मुसलमान रहते हैं। (विश्व के आतंकवादमें जिहादीयोंका अत्यल्प सहभाग बतानेवाले गुप्तचर विभाग के अधिकारी क्या देशके आतंकवादीयोंको ढूंढ निकालेगी ? अब तक आयएस्आयएस के कर्इ लोग मिले है ! कसाब को भी भारत के स्थानिय जिहादीयोंने ही सहाय्य किया ! एेसा होते हुए सरकार कौनसे आधार पर यह निष्कर्ष निकालती है ? – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात)
प्रेजेंटेशन में साफ तौर पर कहा गया कि भारत आतंकवाद का काफी सामना कर रहा है। लेकिन भारत में आतंक दूसरे देशों से आता है। (अगर एेसा है तो
स्त्रोत: आजतक