मार्गशीर्ष शुक्ल १ , कलियुग वर्ष ५११५
वारकरी संप्रदायका नवां अधिवेशन
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संत ज्ञानेश्वर महाराजके समाधिदिवसके अवसरपर आलंदीमें (जनपद पुणे) वारकरियोंने जादूटोनाविरोधी कानूनके विरोधमें आवाहन किया / लडाई आरंभ की !
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वारकरियोंद्वारा जादूटोनाविरोधी कानूनके विरुद्ध पूरे महाराष्ट्रमें जागृति : अधिवेशनके लिए ५ सहस्रसे अधिक वारकरी उपस्थित
अधिवेशनके लिए उपस्थित संत, मान्यवर एवं वारकरी |
आलंदी (जनपद पुणे) – सत्ताधारियोंने ९ दिसंबरसे नागपुरमें आरंभ होनेवाले शीत अधिवेशनमें जादूटोनाविरोधी कानून पारित करनेकी शपथ ली है । यहां ३० नवंबरको संपन्न हुए नवें अधिवेशनमें वारकरियोंद्वारा ऐसा निर्णय लिया गया है कि कांग्रेस सरकारद्वारा यह कानून स्थायी रूपसे निरस्त होने हेतु १० दिसंबरको लाखों वारकरी नागपुरके विधानभवनपर टक्करका मोर्चा निकालें एवं यह कानून निरस्त होनेतक विधानभवनके समक्ष जोरदार आंदोलन करें । इस अधिवेशनके लिए राज्यके विविध क्षेत्रोंसे आए ५ सहस्रसे अधिक वारकरी उपस्थित थे ।
`जय हरि बोलो, १० दिसंबरको नागपुर चलो’ !
नागपुरके विधानभवनपर मोर्चा निकालने हेतु १० दिसंबरको सवेरे ११.०० बजे नागपुरके भगीरथ मंदिरमें वारकरी उपस्थित रहें,
उपस्थित मान्यवर
वारकरी संप्रदायके स्वामी गोविंददेवगिरी महाराज, राष्ट्रीय वारकरी सेनाके अध्यक्ष ह.भ.प. निवृत्ति महाराज वक्ते, महाराष्ट्र राज्य वारकरी महामंडलके अध्यक्ष ह.भ.प. प्रकाश महाराज जवंजाल, श्री वारकरी प्रबोधन महासमितिके संस्थापक-अध्यक्ष ह.भ.प. रामेश्वर महाराज शास्त्री, स्वामी नारायण सरस्वती महाराज, ह.भ.प. भगवान महाराज कोकरे, ह.भ.प. तुनतुने महाराज, राष्ट्रीय वारकरी सेनाके कोकण प्रांताध्यक्ष ह.भ.प. बापू महाराज रावकर, ह.भ.प. नारायण महाराज डमरे, ह.भ.प. शाम महाराज राठोड, ह.भ.प. संतोष महाराज चौधरी, ह.भ.प. रामचंद्र महाराज तितोरे, ह.भ.प. सोपानकाका बोवडे, ह.भ.प. कृष्णमहाराज अहिरे आदि विविध वारकरी संगठनोंके प्रमुख एवं ज्येष्ठ महाराजके साथ वारकरी लोग उपस्थित थे ।
हिंदू समाजने अपना सत्त्व गंवा दिया है । ऐसी स्थितिमें हिंदू धर्मपर अनेक प्रकारसे आक्रमण होते समय पिछले अनेक शतकोंसे वारकरियोंने अपने कंधोंपर भगवा ध्वज धारण कर संस्कृतिको संजोए रखनेका महत्वपूर्ण कार्य किया है । वर्तमान समयमें भी ऐसी ही स्थिति है । कांग्रेस सरकारद्वारा जादूटोनाविरोधी कानूनके समान कानून पारित कर हिंदू धर्मको समाप्त करनेका षडयंत्र रचा जा रहा है । ऐसी स्थितिमें समस्त हिंदू समाजको अपने समक्ष अपनी शूर मानसिकता प्रदर्शित करते हुए कानूनके विरुद्ध एकत्रित होनेवाले ५ सहस्रसे अधिक वारकरियोंका आदर्श रखना चाहिए ! वारकरियोंका आदर्श लेकर हिंदुआेंको अब सक्रिय होना चाहिए ! यदि महाराष्ट्रके हर कोनेके वारकरी जागृत हो जाएं, तो ‘हिंदू राष्ट्र’ स्थापित होनेमें विलंब नहीं लगेगा ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात