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‘फ्लिपकार्ट’ आस्थापनद्वारा हिन्दुओंके देवताओंका अनादर

फाल्गुन शुक्ल पक्ष अष्टमी, कलियुग वर्ष ५११६

  • हिन्दुओ, उत्पादन के माध्यम से क्या कभी अन्य धर्मियोंके श्रद्धास्थानोंका अनादर किए जाने की बात सुनी है ?

  • हिन्दू असंगठित होने के कारण ही ऐसे आस्थापन हिन्दुओंके श्रद्धास्थानोंका अनादर करने का दुस्साहस करते हैं !

हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा अनादरवाले उत्पादन प्रतिबंधित करने की मांग !

मुंबई : पृथक साहित्य का ‘ऑनलाईन’ विक्रय करनेवाले ‘फ्लिपकार्ट’ आस्थापन अपने जालस्थल पर हिन्दू देवताओंके छायाचित्रवाले उत्पादन प्रकाशित कर देवताओंका अनादर कर रहे हैं। इस संदर्भ में कुछ जागृत धर्माभिमानियोंद्वारा हिन्दू जनजागृति समिति को सूचना प्राप्त हुई। तदुपरांत समिति ने ‘फ्लिपकार्ट’ आस्थापन के व्यवस्थापकोंको इस संदर्भ में लिखित पत्र भेजकर अनादरवाले उत्पादन प्रतिबंधित करने की मांग की है।

‘फ्लिपकार्ट,’ इस जालस्थल पर विक्रय हेतु रखे गए श्री गणेश के छायाचित्रोंवाले तकिया

इस पत्र में समिति ने यह प्रस्तुत किया है कि ‘इस प्रकार हिन्दुओंके देवताओंका अनादर करने से करोडों हिन्दुओंकी धार्मिक भावना आहत हुई हैं। धार्मिक भावना आहत करनेवाला यह कृत्य भारतीय दंड विधान की धारा २९५ के अनुसार दंडनीय अपराध है। साथ ही व्यावसायिक उत्पादनोंपर धार्मिक छायाचित्र अथवा चिह्न मुद्रित करना ‘इंडियन ट्रेड अधिनियम १९९९’ अनुसार अपराध है।’ समिति द्वारा भेजे गए पत्र को ‘फ्लिपकार्ट’ द्वारा कुछ भी प्रतिसाद प्राप्त नहीं हुआ। ‘फ्लिपकार्ट’ आस्थापन ने विक्रय हेतु हिन्दू देवाताओंके छायाचित्र रखे थे। उदा. तकियों पर श्री गणेश तथा श्रीकृष्ण के छायाचित्र, भ्रमणभाष के आच्छादन (कवर) पर श्रीकृष्ण का छायाचित्र, टीशर्ट पर राधाकृष्ण का छायाचित्र मुद्रित किया गया था।

धर्माभिमानी निम्ननिर्देशित संगणकीय पते पर अपनी प्रतिक्रियाएं पंजीकृत कर रहे हैं।
१. ग्राहक परिवाद निवारण अधिकारी –
[email protected]

२. फ्लिपकार्ट के Flipkart.com इस वैध जालस्थल के संस्थापक सचिन बंसल
का संगणकीय पता – [email protected]

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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