फाल्गुन शुक्ल पक्ष अष्टमी, कलियुग वर्ष ५११६
नई देहली : जम्मू कश्मीर में बीजेपी और पीडीपी की सरकार बनने वाली है। उससे पहले राज्यसभा में सरकार ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर से धारा ३७० नहीं हटाई जाएगी।
गृह राज्य मंत्री हरिभाई चौधरी ने राज्यसभा में लिखित जवाब में स्थिति साफ की है। ये वही धारा है जो जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देती है।
आपको बता दें कि बीजेपी की राजनीति के जो तीन मुख्य विवादित मुद्दे रहे हैं उनमें जम्मू-कश्मीर से धारा ३७० का हटाना भी रहा है। लेकिन जम्मू-कश्मीर में साझा सरकार की ओर बढ़ने के बाद मोदी की सरकार ने कहा है कि धारा ३७० बनी रहेगी। एक मार्च को जम्मू कश्मीर में मुफ्ती मोहम्मद सईद सीएम बनने वाले हैं और बीजेपी उस गठबंधन सरकार का हिस्सा बनेगी।
दिलचस्प बात ये है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के दौरान भी बीजेपी ने अपने ‘विज़न डॉक्यूमेंट’ में अनुच्छेद ३७० का कोई जिक्र नहीं किया था।
घोषणापत्र में हटाने का था वादा ?
लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने अपने चुनावी घोषणापत्र में जम्मू-कश्मीर से धारा ३७० के हटाने पर अपनी प्रतिबद्धता जताई थी। पार्टी ने कहा था कि धारा ३७० पर सभी पक्षों से बातचीत करेंगे और पार्टी धारा ३७० के हटाने पर प्रतिबद्ध है।
क्या है अनुच्छेद ३७०
भारतीय संविधान के तहत जम्मू कश्मीर का अलग संविधान है। इसी अनुच्छेद के तहत जम्मू कश्मीर को स्वायत्त राज्य का दर्जा मिला है और विशेष अधिकार मिले हैं। इसके तहत विदेश, वित्त, रक्षा और दूरसंचार को छोड़कर बाकी विभागों में केंद्र का कानून लागू करने के लिए राज्य सरकार की अनुमति जरूरी होती है। इसके तहत राज्य के बाहर का नागरकि संपत्ति भी नहीं खरीद सकता। आजादी के बाद से ही ये व्यवस्था अस्थायी तौर पर लागू है।
स्त्रोत : एबीपी न्यूज़