मार्गशीर्ष शुक्ल २ , कलियुग वर्ष ५११५
तिरुमला तिरुपति पवित्रता संरक्षण वेदिका संगठनके निषेध मोरचामें घोषणा
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तिरुपति – तिरुपति देवस्थानके परिसरमें चंद्रगिरीमें आरंभ किए गए इस्लामिक विश्वविद्यालयके निर्माण कार्यका निषेध व्यक्त करने हेतु तिरूमला तिरुपति पवित्रता संरक्षण वेदिका संगठनद्वारा दिनांक ३० नवम्बरको निकाले गए निषेध मोरचाके रूपमें पहला आंदोलन हुआ । अन्नामाय्या सर्कलसे आर.डी.ओ. कार्यालयतक निकाले गए इस मोरचाके अंतमें शासनको अंतिम अवधि दी गई ।
तिरुमला तिरुपति पवित्रता संरक्षण वेदिका संगठनके सदस्योंने संबंधित अधिकारियोंको प्रस्तुत निवेदनमें बताया कि यदि इस्लामिक विश्वविद्यालयका निर्माण कार्य २० दिनोंके अंदर स्थगित नहीं किया गया, तो शासनको हिंदुओंके आक्रामक प्रत्युत्तरका सामना करना पडेगा ।
उस समय संगठनके अध्यक्ष तथा श्री शैव पीठ, विजयवाडाके श्री श्री शिवा स्वामी, हिंदू धर्म रक्षा समितिके अध्यक्ष श्री. चेदुलुरी गौरय्या, उपाध्यक्ष श्री. रामान्जानेयुलू, धर्माभिमानी श्री. अकुला कृष्ण किशोर, भूतपूर्व पुलिस अधिकारी एवं नागलापुरमके (जनपद चित्तूर) शैव आश्रमके श्री. जयचंद्र हिंदू स्वामी एवं अधिकांश संख्यामें हिंदू उपस्थित थे ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात