फाल्गुन शुक्ल पक्ष नवमी, कलियुग वर्ष ५११६
नई दिल्ली: शिवसेना के मुखपत्र सामना में उद्धव ठाकरे ने आरएसएस प्रमुख मोहन भगवत का जमकर समर्थन किया है। मदर टेरेसा ने सेवा के नाम पर गरीबों का ईसाई धर्म में धर्मांतरण किया। सर संघचालक के इस बयान को उद्धव ठाकरे ने बिलकुल सही बताया है।
शिवसेना के संपादकीय, ‘सामना’ में लिख गया है कि, ”पेट की आग पर धर्मांतरण का काम इन लोगो ने कई वर्षो से किया। मिशनरियों ने पैसे और सेवा का गुड़ लगाकर गरीबो को इसाई बनाया ऐसा गंभीर आरोप सामना में लगाया है।”
‘सामना’ में आगे लिखा गया है, ”वही हिंदुत्ववादी संघटनाओं ने ‘घर वापसी’ की बात की तो अमेरिका के राष्ट्राध्यक्ष से लेकर रोम के पोप तक सभी हिन्दुस्थान को धार्मिक सद्भावना का पाठ पढ़ाने लगते है।”
सामना में छपा है, ”ऐसे पाखंडी माहौल में भागवत ने स्तय का कथन कर राष्ट्रीय कार्य किया है और दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के विचारों पर मौहर लगा दी है। ये कहते हुए उद्धव ठाकरे मोहन भागवत को घर वापसी के आंदोलन को बल प्रदान करने वाला बयान करने के लिये अभिनंदन करते है।”
क्या कहा था मोहन भागवत ने?
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा था कि मदर टेरेसा की गरीबों की सेवा के पीछे का मुख्य उद्देश्य ईसाई धर्म में धर्मांतरण कराना था।
गैर सरकारी संगठन ‘अपना घर’ की ओर से आयोजित समारोह में मोहन भागवत ने कहा, ‘‘मदर टेरेसा की सेवा अच्छी रही होगी। परंतु इसमें एक उद्देश्य हुआ करता था कि जिसकी सेवा की जा रही है उसका ईसाई धर्म में धर्मांतरण किया जाए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सवाल सिर्फ धर्मांतरण का नहीं है लेकिन अगर यह (धर्मांतरण) सेवा के नाम पर किया जाता है तो सेवा का मूल्य खत्म हो जाता है।’’
स्त्रोत: एबीपी न्यूज़