फाल्गुन शुक्ल पक्ष दशमी, कलियुग वर्ष ५११६
जो बात अमेरिका को समझती है वो भारत को क्यों नहीं समझती ?
वाशिंगटन : पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) को सुरक्षित शरण स्थल मुहैया कराता रहेगा। अमेरिकी खुफिया एजेंसी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा है कि यह भारत के साथ उसके रिश्तों में चिढ़ पैदा करने वाला काम करेगा।
नेशनल इंटेलीजेंस के निदेशक जेम्स क्लैपर ने अमेरिकी खुफिया समुदाय के वैश्विक खतरे के आकलन पर अपने बयान में कहा कि पाकिस्तान का एलईटी को सुरक्षित ठिकाना मुहैया कराने का प्रावधान जारी रखेगा, जो संभवत: भारत के साथ रिश्तों में तकलीफ देने वाली प्रमुख चीज होगी।
जेम्स ने यह बयान सीनेट की सशस्त्र सेवा कमेटी के समक्ष दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान संभवत: कुछ आर्थिक सुधारों को लागू करना व पाकिस्तान विरोधी आतंकियों और उनकी गतिविधियों पर अंकुश जारी रखेगा। आर्थिक, ऊर्जा व सुरक्षा से जुड़े मुद्दों के समाधान करने के पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के वादे निश्चित रूप से जनता की बहुत अधिक अपेक्षाओं के पैमाने पर नाकाम रहेगी।
वर्ष २०१४ में जब उन्होंने कथित रूप से विपक्षी दलों के विरोध-प्रदर्शन से निपटने के लिए सेना को उतरने के लिए कहा, इससे उनकी प्रतिष्ठा कम हुई है। बयान में कहा गया कि हमारा आकलन है कि इस्लामाबाद वर्ष २०१५ में कुछ और आर्थिक सुधारों की स्वीकृति देगा।
क्लैपर ने कहा कि पाकिस्तान सरकार संभवत: तहरीक-ए-तालिबान(टीटीपी) को शक्तिहीन करने पर ध्यान केंद्रित करेगा। टीटीपी ने ही गत दिसंबर में एक सैनिक स्कूल पर हमला करके १३० से अधिक बच्चों को मार डाला।
हमारा मानना है कि पाकिस्तान-अफगानिस्तान की नई सरकार संग सकारात्मक रिश्ता रखना चाहेगा, लेकिन दोनों देशों के बीच अर्से से जारी अविश्वास व अनसुलझे विवाद इसमें पर्याप्त प्रगति होने से रोकेंगे। हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तानी सेना आतंकियों के गढ़ को २०१५ में भी निशाना बनाता रहेगा।
स्त्रोत : जागरण