मार्गशीर्ष शुक्ल ३ , कलियुग वर्ष ५११५
पत्रकार परिषदमें बायीं ओरसे श्री कुमार हाकेरी, अधिवक्ता गंगाधर कुलकर्णी एवं डॉ.मनोज सोलंकी |
पणजी (वार्ता) – ‘तहलका’ मासिकके भूतपूर्व संपादक तरुण तेजपालद्वारा सहयोगी पत्रकारसे लैंगिक छल करनेके कारण उन्हें कारागृहमें भेज दिया गया है। पश्चिमी सभ्यतावाली संस्कृतिसे प्रभावित तरुण तेजपालने अपनी पुत्रीकी आयुसमान युवतीसे जो अनुचित कृत्य किया, इससे उनकी नीतिहीनता एवं भ्रष्टचरित्रका पता चलता है । पश्चिमी सभ्यतावाली संस्कृति व्यक्तिको नीतिहीन एवं चरित्रभ्रष्ट बनाती है, जबकि हिंदू संस्कृति नीतिमान एवं चरित्रसंपन्न बनाती है । इसीलिए श्रीराम सेनाद्वारा कारागृह अधिकारियोंके माध्यमसे कारागृहमें रहनेवाले तरुण तेजपालको हिंदू संस्कृतिका महत्व सिखानेवाली श्रीमद् भगवद्गीता भेंट रूपमें दी गई । श्रीराम सेनाद्वारा तेजपालको जांचके लिए रखे गए दोनापावला, पणजीके अपराध शाखाके कार्यालयमें जाकर अपराध शाखाके पुलिस उपअधीक्षक सेमी तावारीसको श्रीमद् भगवद्गीता दी गई । इस अवसरपर श्रीराम सेनाके राष्ट्रीय महासचिव तथा गोवा राज्यके प्रभारी अधिवक्ता गंगाधर कुलकर्णी, श्रीराम सेनाके कर्नाटक राज्य उपाध्यक्ष श्री कुमार हाकेरी, हिंदू जनजागृति समितिके गोवा राज्य समन्वयक डॉ.मनोज सोलकी उपस्थित थे ।
श्रीमद् भगवद्गीता पढकर तरुण तेजपालकी मानसिकतामें परिवर्तन होनेकी सद्भावनाको लेकर तेजपालको गीता भेंट
तत्पूर्व श्रीराम सेनाद्वारा होटेल (उपहारगृह) ‘मनःशांति’में पत्रकार परिषद आयोजित की गई । इस परिषदमें तेजपालको श्रीमद् भगवद्गीता देनेके पीछेका उद्देश्य स्पष्ट करते हुए अधिवक्ता गंगाधर कुलकर्णीने कहा कि श्रीमद् भगवद्गीता हिंदू संस्कृतिका प्रतीक है । अतः श्रीराम सेनाकी ऐसी भावना है कि इसके पढनेसे तेजपालकी मानसिकता एवं नीतिमत्तामें परिवर्तन होगा एवं इससे वे एक अच्छा मनुष्य बनकर समाज, राष्ट्र एवं धर्मके उत्कर्षके लिए समर्पित होंगे ।
तेजपालके समर्थन एवं श्रीराम सेनाके विरोधमें ‘गुलाबी चड्डियां भेजें ! ‘इस प्रकारका आंदोलन चलानेवाली शोमा चौधरीके चारित्रिक जांचकी आवश्यकता !
अधिवक्ता गंगाधर कुलकर्णीने कहा कि तेजपालके अनुचित कृत्यका समर्थन करनेवाली शोमा चौधरीका चरित्र भी जांचनेकीr आवश्यकता है । मंगलुुरूमें श्रीराम सेनाद्वारा पब विकृतिपर नियंत्रण पानेके पश्चात शोमा चौधरीने असंस्कृत आवाहन करते हुए युवतियोंको श्रीराम सेनाके लिए गुलाबी चड्ड्यिां भेजनेके लिए कहा था ! तरुण तेजपालको बंदी बनाए जानेपर श्रीराम सेना इस प्रकारका मर्यादाहीन कार्य नहीं करेगी । मूलतः श्रीराम सेनाका कार्य हिंदू संस्कृतिका संवर्धन एवं रक्षा करना है । इसीलिए श्रीराम सेनाने तेजपालको हिंदू संस्कृतिके अनुरूप भेंट देनेका निर्णय लिया ।
धर्माचरणसे ही समाजकी मानसिकतामें परिवर्तन होनेकी संभावना है ! – डॉ. मनोज सोलंकी
शिक्षासे मानसिकतामें परिवर्तन नहीं होता । मानसिकतामें परिवर्तन होनेहेतु धर्माचरणकी आवश्यकता है । नीतिमत्ता एवं चरित्रहीनता पश्चिमी सभ्यतावाली संस्कृतिके प्रभावसे उत्पन्न हुई है । इसी कारण तेजपालद्वारा बलात्कार समान कृत्य होते हैं । धर्माचरणसे नीतिमत्ता एवं चरित्रका निर्माण होता है । श्रीराम सेनाने तेजपालको श्रीमद्भगवद्गीता धर्मग्रंथ देकर अच्छा कार्य किया । हिंदू धर्म प्रत्येक व्यक्तिको स्वयंमें सुधार करनेका अवसर प्रदान करता है । इसके पश्चात तेजपालको धर्माचरणका ध्येय अपनाकर अपनी मानसिकतामें परिवर्तन करना चाहिए ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात