फाल्गुन शुक्ल पक्ष द्वादशी, कलियुग वर्ष ५११६
इस्लामाबाद – पाकिस्तान की आतंकवादरोधी अदालत ने यह सूचना दी कि पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या में अकोरा खाटक स्थित दारुल उलूम हक्कानिया नामक मदरसे के छात्रों का हाथ था। साथ ही समाचार पत्र ‘डॉन’ ने यह जानकारी दी कि मदरसा प्रशासन ने संदिग्ध के साथ किसी भी तरह के संबंध से इनकार कर दिया है। रावलपिंडी की अडियाला जेल में गठित एटीसी की विशेष अदालत में बेनजीर हत्याकांड की सुनवाई जस्टिस परवेज इस्माइल की अध्यक्षता में हुई।
संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) के पेशावर के निरीक्षक नसीर अहमद और उप निरीक्षक अदनान अदालत के सामने पेश हुए। उन्होंने कोर्ट को जानकारी दी कि दारूल उलूम हक्कानिया नामक मदरसे के छात्र बेनजीर भुट्टो की हत्या में शामिल रहे हैं। दोनों ही गवाहों ने इससे संबंधित सबूत भी पेश किए।
सुनवाई के दौरान दारूल उलूम हक्कानिया के निदेशक (शिक्षा) विसाल अहमद का भी बयान दर्ज कराया गया। उन्होंने स्वीकार किया कि संदिग्ध आत्मघाती हमलावार अब्दुल्ला ऊर्फ सद्दाम नादिर ऊर्फ कारी इस्माइल और गिरफ्तार किए गया संदिग्ध रशीद ऊर्फ तुराफी और फैज मुहम्मद ने मदरसे में पढ़ाई की थी। हालांकि उन्होंने इस दावे को खारिज कर दिया कि मदरसे का इनमें से किसी संदिग्ध के साथ कोई संबंध है।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स