फाल्गुन शुक्ल पक्ष द्वादशी, कलियुग वर्ष ५११६
साल की शुरुआत में हरियाणा में बीजेपी सरकार ने स्कूल और कॉलेजों में भगवद्गीता को पढ़ाए जाने की वकालत की थी। सरकार अपनी इस योजना को नए अकेडमिक सेशन के शुरू होने से पहले लागू करना चाहती है। इसके लिए सरकार ने SCERT ( स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग ) से भगवद्गीता के उन श्लोकों को बताने के लिए कहा है जिन्हें वो पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहते हैं।
उच्च शिक्षा के डायरेक्टर जनरल टीसी गुप्ता ने बताया कि हमने SCERT को ये प्रपोजल रेफर कर दिया है और अब ये उनके ऊपर है कि वो किस क्लास से गीता को पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहते हैं। सूत्रों के मुताबिक शिक्षा विभाग का कहना है कि संस्कृत भाषा स्कूली बच्चों के लिए आसान नहीं है तो ऐसे में SCERT को इसके लिए विकल्प तलाशने के लिए कहा गया है. जिसमें संभवत: श्लोकों के हिंदी और अंग्रेजी भाषा में अनुवाद पर विचार किया जा रहा है। टीसी गुप्ता के मुताबिक आखिरी निर्णय एजुकेशनल कंसलटेटिव कमेटी पर होगा वो जो चाहते वहीं होगा।
SCERT के जरिए दिए जाने वाले सुझाव, एजुकेशनल कंसलटेटिव कमेटी को रेफर किए जाएंगे ताकि वो इस योजना को अमलीजामा पहना सके. एजुकेशनल कंसलटेटिव कमेटी के अध्यक्ष पूर्व स्कूल टीचर और एजुकेशन एक्टिविस्ट दिना नाथ बत्रा है। अभी हाल ही में हरियाणा के शिक्षा मंत्री ने इस कमेटी का स्थापना की है। शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा के मुताबिक गीता को पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए हमने तैयारी कर ली है और अभी तक इस बारे में कोई विरोध नहीं हुआ है और अगर कोई विरोध होता भी है तो हमारे पास बचाव के लिए मजबूत दलीलें है।
हरियाणा सरकार गीता को नए अकेडमिक सेशन की शुरुआत से पहले ही पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहती है। साथ ही राज्य में संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए वो दो नए कोर्स ओरिएंटल ट्रेनिंग और शास्त्री लाने के बारे में विचार कर रही है। इस योजना के लिए एक हजार नए संस्कृत टीचरों की भर्ती करने जा रही है।
स्त्रोत : आज तक