आषाढ कृ. ८, कलियुग वर्ष ५११४
अधिवक्ता देविदास शिंदे
रामनाथी – कसाई खानेमें लाई जानेवाली गायोंको १० दिनोंतक चारापानी नहीं दिया जाता । अत्यंत दुर्दशा कर उनकी हत्याकी जाती है । ऐसे गोवंशकी रक्षाके लिए जब हम प्रयास करते हैं, तब अन्य कोई हिंदू धर्मीय गोरक्षकोंकी ओर देखता भी नहीं है । पुलिस सहायता नहीं करती, न्यायालयमें भी इस प्रकरणमें न्याय नहीं मिलता; इसलिए प्रत्येक गांवमें गोरक्षा दलकी स्थापना होना चाहिए, ऐसा मत ‘हिंदू स्वाभिमान प्रतिष्ठान’ के अधिवक्ता श्री. देविदास शिंदेजीने व्यक्त किया ।
अधिवक्ता शिंदे आगे बोले कि, ‘‘एक गाय घरमें हो, तो एक भी वस्तु बाहरसे क्रय करनेकी आवश्यकता नहीं है । वह गाय संपूर्ण घर संभालती है । यह अंग्रेजोंने जान लिया था; इसलिए अंग्रेजोंने तेजीसे गायोंकी हत्या करना प्रारंभ किया । इस विषयके अधिकृत प्रपत्र उपलब्ध हैं । कृषिप्रधान देशमें कृषि उत्पादनोंको सुविधा देनेके स्थानपर गोमांसको अनुदान दिया जाता है । यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है । अधिवक्ता शिंदेजी बोले कि गायकी हत्या करनेवालोंको ७ वर्षके कारावासका दंड देना चाहिए ।