Menu Close

धर्मपरिवर्तन का सबसे अच्छा माध्यम समाजसेवा है – पोप फ्रान्सिस

श्री. मोहन भागवत ने कहा था कि मदर टेरेसा का निर्धनों की सेवा के पीछे का मुख्य उद्देश्य, उनका ईसाई धर्म में धर्मपरिवर्तन कराना था । इस पर चारों ओर से टिप्पणी की जा रही है । अब हम आपको एक महीने पूर्व ईसाइयों के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप फ्रान्सिस का धर्मपरिवर्तन से संबंधित एक वक्तव्य बताते हैं ।

पोप के अधिकृत ट्वीटर खाते पर, चौबीस जनवरी को किए ट्वीट में वे कहते हैं, ‘धर्मपरिवर्तन का सबसे अच्छा माध्यम समाजसेवा है !’ इस ट्वीट पर अपना अभिमत अर्थात कमेंट देते हुए दुनिया भर के ईसाइयों ने इसका स्वागत किया है । कुछ ईसाइयों ने इसका विरोध भी किया है ।

pope_tweetधर्मपरिवर्तन संबंधी पोप प्रांसिस का ट्वीट

आश्‍चर्य की बात ये है कि भागवत के वक्तव्य को विवादित कहकर, उन पर हल्लाबोल करनेवाली राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने पिछले एक महीने में कभी भी पोप के इस वक्तव्य को नहीं दिखाया । इससे मीडिया का हिन्दूद्रोह सामने आता है। पोप के इस वक्तव्यसे इसाईयोंकी समाजसेवा का असली चेहरा अब सामने आया है। हिन्दुआें को अब ये भी समझना आवश्यक है कि ईसाइयों की कथित समाजसेवा के बहकावे में आकर धर्मपरिवर्तन के भयानक जाल में वे न फंसें । इसकी अपेक्षा धर्मशिक्षा लेकर हिन्दू धर्मानुसार धर्माचरण करें । और अपने मनुष्य जीवन को सार्थक करें ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *