मार्गशीर्ष शुक्ल ४ , कलियुग वर्ष ५११५
नागपुर – यहांपर आयोजित पत्रकार परिषदमें मनसेके विधानसभाके गुटनेता विधायक बाला नांदगावकरने अपना स्पष्ट मत व्यक्त करते हुए कहा कि यदि कोई व्यक्तिद्वारा नरबलिसमान घटना होती है, तो उसपर निश्चित रूपसे कठोर कार्यवाही होनी चाहिए; परंतु उसी समय साधारण मनुष्यको बिना कारण कष्ट न हो इस हेतु ध्यान देना आवश्यक है । हमारी जानकारीके अनुसार जादूटोनाविरोधी विधेयकके अनुसार उपवास करना भी अपराध सिद्ध हो सकता है । हिंदू, इस्लाम तथा जैन धर्मोंमें उपवासका महत्त्व है । उसीप्रकार यदि घरमें वास्तुशांति चल रही हो तथा पडोसीद्वारा, `यह जादूटोना कर रहा है;’ ऐसा परिवाद देनेपर पुलिस बंदी बनाएगी । अतः इस विषयमें सरकारद्वारा उचित दृष्टिकोण स्पष्ट करना आवश्यक है । (शिवसेना, भाजपा ही नहीं, अपितु अब तो मनसेने भी जादूटोनाविरोधी अध्यादेशका विरोध किया है । इतना विरोधी वातावरण सिद्ध होनेके पश्चात भी सरकार इसपर पुनर्विचार करेगी अथवा नहीं ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
बाला नांदगावकरने आगे कहा कि अध्यादेशको हमारा निश्चित रूपसे समर्थन है; परंतु कुछ सूत्रोंके विषयमें संभ्रम है । अतः उन्हें दूर होनेतक हमें उसका विरोध करना ही पडेगा । (विधायक बाला नांदगावकरको चाहिए कि विधानसभामें अपने कृत्यसे वे अंततक ऐसा ही विरोध दर्शाएं ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात