मार्गशीर्ष शुक्ल ५ , कलियुग वर्ष ५११५
अंनिसके कार्यकर्ताओंको समयपर निरुत्तर कर उन्हें भागनेके लिए बाध्य करनेवाले चोपडावासियोंका अभिनंदन !
चोपडामें अंनिस जनजागृति अभियान रथकी दुर्गत !
चोपडा (जलगांव) – भीडसे भरे शिवाजी चौकपर १ दिसम्बरको अंनिस जनजागृति अभियानका रथ आया था । जादूटोनाविरोधी विधेयक २०१३ के संदर्भमें जानकारी देने हेतु आए अंनिसके कार्यकर्ताओंने रथके माध्यमसे जानकारी दी तथा पांखडीपन, साधुत्वका ढकोसला, इन प्रथाओंको बंद करने हेतु समाजके लोगोंके हस्ताक्षर प्राप्त कर रहे थे ।
१. शिवाजी चौकके हनुमान मंदिरमें हिंदू जनजागृति समितिद्वारा प्रत्येक शनिवारके दिन सामूहिक आरतीका आयोजन कर धर्मपर होनेवाले आघातोंके संदर्भमें समाजके लोगोंका प्रबोधन किया जा रहा था; इसलिए शिवाजी चौकके निकटवाले दुकानधारक तथा हिंदूनिष्ठ प्रकाश देशमुखने रथके पास आकर अंनिसके कार्यकर्ताओंको बताया, आप यहां हस्ताक्षर नहीं ले सकते । हमें कानूनके विषयमें पूर्ण ज्ञान है । इतनेमें आसपासके लोग एकत्रित होकर ऐसा ही कहने लगे ।
२. हिंदू जनजागृति समितिके श्री. अनिल पाटिलने बताया कि पहले विधेयकमें २७ धाराएं अंतर्भूत थीं, किंतु अब वे केवल १२ ही क्यों की गई हैं ? नागपुरके मौलवीद्वारा किए गए कृत्यको सामने क्यों नहीं लाया गया ? इस प्रकार विभिन्न प्रश्न पूछकर चौकपर एकत्रित हिंदूनिष्ठोंने अंनिसके कार्यकर्ताओंको पूरी तरहसे भगाया ।
३. जब अंनिसके कार्यकर्ता चौककी दुकानपर हस्ताक्षर लेनेके लिए गए, तो दैनिक सनातन प्रभातके वाचकने बताया कि मैं हस्ताक्षर क्यों दूं ? उस समय जब वह कार्यकर्ता जादूटोना विधेयकके विषयमें कहने लगा, तो वाचकने बताया, मुझे सर्व पता है । मैं दैनिक सनातन प्रभातका वाचक हूं । अतः मुझे इस विधेयकके विषयमें पूरा ज्ञान है । साथ ही उसमें तुम्हारे षडयंत्रके विषयमें भी प्रकाशित किया जाता है । तुम हिंदू धर्म समाप्त करनेका षडयंत्र रचा रहे हो । इसलिए मैं आपको हस्ताक्षर नहीं दूंगा । ( समयपर ही सतर्करहकर अंनिसके कार्यकर्ताओंको फटकारनेवाले दैनिक सनातन प्रभातके धर्मप्रेमी वाचकोंका अभिनंदन ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) अंतमें अंनिसके कार्यकर्ता क्षमा मांगकर आधे घंटेमें केवल ८ हस्ताक्षर प्राप्त कर चोपडासे भाग गए ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात