फाल्गुन पूर्णिमा, कलियुग वर्ष ५११६
हिन्दू जनजागृति समिति के आंदोलन को प्राप्त हुई सफलता !
इंदौर (मध्यप्रदेश) : यहांके सामूहिक स्थानपर कूडा न फेंके, साथ ही वह परिसर साफ रहें, इस दृष्टि से हिन्दू देवताओंके छायाचित्रवाली फरशी (टाईल्स) दिवार पर लगाई थी। धर्माभिमानी हिन्दुओंने इस बात की सूचना हिन्दू जनजागृति समिति को दी।
समिति ने उसके विरोध में महानगरपालिका को निवेदन प्रस्तुत किया। तदनंतर महानगरपालिका ने देवताओंके छायाचित्रवाली फरशी हटाई।
इंदौर महानगरपालिका द्वारा शहर के नेहरू उद्यान के दिवारोंपर तथा सुलभ पेशाब खाने (शौचालय) के दिवारोंपर देवताओंके छायाचित्रवाली फरशी लगाई गई थी। उस के साथ शहर के एक बडी इमारत के सोपान के दिवार पर इसी प्रकार की फरशी दिवारोंपर लगाई गई थी। इस फरशी लगाने के पीछे यह उद्देश्य था कि, ‘वहां की दिवारें साफ रहें तथा वह परिसर कूडे के कारण गंदा न हों।’ समिति के मध्यप्रदेश राज्य के समन्वयक श्री. योगेश वनमारे ने महानगरपालिका के उपायुक्त संघमित्रा गौतम से भेंट की।
उस समय उनके साथ अन्य हिन्दूनिष्ठ संगठनोंके पदाधिकारी तथा कार्यकर्ताएं भी उपस्थित थे। श्री. वनमारे ने उपायुक्तोंकी ओर यह मांग की कि, ‘देवता का स्थान मंदिर में होता है। उसका इस प्रकार सामूहिक स्थान पर सफाई की दृष्टिकोण से उपयोग करना, अनुचित बात है। इससे हिन्दुओंकी भावना आहत हुई हैं, इसलिए वह त्वरित हटाएं। तत्पश्चात् महानगरपालिका ने नेहरू उद्यान तथा उस इमारत में लगाए गए देवताओंके छायाचित्रवाली फरशी हटाई।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात