मार्गशीर्ष शुक्ल ५ , कलियुग वर्ष ५११५
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मलेशिया : मलेशिया में एक हिंदू मंदिर के ध्वंसावशेष की खुदाई के बाद लोगों के भड़क जाने का मामला प्रकाश में आया है।
खबरों के मुताबिक भवन निर्माण उद्योग से जुड़े लोगों ने इस प्राचीन हिंदू मंदिर के अवशेषों की खुदाई कर दी जिसकी वजह से लोगों में नाराजगी का माहौल व्याप्त है।
मलेशिया की बुजांग घाटी को पुरातात्विक महत्व की दृष्टि से सबसे समृद्ध इलाका माना जाता है। देश के केदाह सूबे में ये इलाका सैकड़ों वर्ग मील के दायरे में फैला हुआ है। '
माना जाता है कि इस क्षेत्र में दो हजार साल पुरानी इमारतों के अवशेष मौजूद हैं।
पड़ोसी पेनांग प्रांत के उप मुख्यमंत्री पलीनासामी रामासामी ने उस जगह के मुआयना करने के बाद स्थानीय अखबार मलय मेल ऑनलाइन को बताया कि सुंगाई बातु में स्थित मंदिर को भवन निर्माण उद्योग से जुड़े लोगों ने ध्वस्त कर दिया है।
रामासामी के मुताबिक ये घटना एक महीने से भी ज्यादा पुरानी है। इस घटना का असर सोशल मीडिया पर भी देखा गया। सोशल मीडिया पर मौजूद लोगों में बेहद नाराज़गी का माहौल है।
ऐतिहासिक महत्व
कुछ लोग कह रहे हैं कि उस जगह की हिफाजत नहीं की गई जबकि कुछ ने सरकार पर आरोप लगाया कि ये मलेशिया में इस्लाम के उदय से पहले के इतिहास को नष्ट करने की कोशिश है।
ट्विटर पर एक व्यक्ति ने अपनी भावनाएँ कुछ इन शब्दों में जाहिर कीं, "कोई इज्जत नहीं है। अगर किसी चीज का इस्लाम से कोई जुड़ाव नहीं है तो उसकी कोई अहमियत भी नहीं है।"
इस सिलसिले में फेसबुक पर एक पेज भी बनाया गया है "वन मिलियंस लाइक टू बुजांग वैली।" फेसबुक पेज की शुरुआत के पहले ही दिन ही सात हजार लोगों ने इस पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
केदाह सूबे के अधिकारी लोगों की प्रतिक्रियाओं से हैरत में हैं। उन्होंने कहा है कि उस मंदिर के ध्वंसावशेष एक निजी ज़मीन पर थे और सरकारी दस्तावेजों में उस इमारत को ऐतिहासिक महत्व की रचना के तौर पर रजिस्टर्ड नहीं किया गया था। इस सरकारी प्रतिक्रिया से लोगों में नाराजगी और बढ़ गई।
कई लोगों ने सरकार से ये अपील भी की है कि वह पुरातत्व विज्ञान के जानकारों के साथ इस इलाके के बचे हुए ध्वंसावशेषों को ब्यौरा दर्ज करे।
स्त्रोत : अमर उजाला