मार्गशीर्ष शुक्ल ६ , कलियुग वर्ष ५११५
विशाखापट्टणम् (आंध्र प्रदेश) : पुरीके गोवर्धन पीठाधीश्वर श्रीमद् शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वतीजीकी आंध्र प्रदेश राज्यकी यात्रा समाप्त हो गई । तत्पूर्व उन्होंने विशाखापट्टणम्के हिंदुओंका मार्गदर्शन किया ।
हिंदुओंकी अल्प उपस्थिति देखकर शंकराचार्यजीने कहा र्कि किसी पोपके आनेपर सहस्रों लोग आते हैं । हमारे ध्यानमें आता है कि हम हिंदुओंकी स्थिति कैसी है । यह चिंताकी बात है कि हिंदुओंके धर्मगुरुको पोपसे भी निम्न स्तरका माना जाता है ।
यहांके पांडुरंगपुरमके वृंदावन अपार्टमेंटमें रहनेवाले शंकराचार्यके भक्त श्री. ज्वाला प्रसाद चौधरीके घरमें शंकराचार्यजीके निवासकी व्यवस्था की गई थी । सनातनके ११ साधकोंने शंकराचार्यजीके दर्शन किए । तत्पश्चात शंकराचार्यजीने साधकोंसे विचार-विमर्श किया एवं उन्हें प्रसाद तथा अाशीर्वाद दिए । शंकराचार्य ४ दिसंबरको संध्या समय रेलवेद्वारा यहांसे रायपुर गए ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात